14 नवंबर को एनसीएलएटी ने दी थी मंजूरी
गौरतलब है कि इसके पहले अपीलेट ट्रिब्यूनल ने 14 नवंबर को अल्ट्राटेक सीमेंट द्वारा बिनानी सीमेंट अधिग्रहण को मंजूरी दी थी। अल्ट्राटेक की इस बोली को एनसीएलएटी के चेयरमैन न्यायमूर्ति एस जे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली दो जजों की बेंच ने मंजूरी दी थी। दोनों जजों की बेंच ने कहा था कि प्रतिस्पर्धी डालमिया भारत समूह की कंपनी राजपुताना प्राॅपर्टीज द्वारा पेश की गर्इ योजना को कुछ वित्तीय कर्जदाताआें के प्रति भेदभाव वाली थी।
अल्ट्राटेक ने बिनानी सीमेंट के खिलाफ हार्इकोर्ट में भी की थी अपील
हार्इकोर्ट ने 2 जुलार्इ को बिनानी सीमेंट के दिवाला सोधन से जुड़े सारे मामलों को एनसीएलएटी की कोलकाता पीठ काे हस्तांतरित कर दिया था। हार्इकोर्ट ने एनसीएलएटी को दैनिक आधार पर मामले की सुनवाई करने का निर्देश दिया था। राजपुताना प्रॉपर्टीज ने अल्ट्राटेक सीमेंट के संशोधित प्रस्ताव को स्वीकार किये जाने को लेकर बिनानी सीमेंट के कर्जदाताओं के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील की थी।
अल्ट्राटेक ने कर्जदाताआें की समिति को 7900 करोड़ रुपए का संशोधित प्रस्ताव भेजा था
बिनानी सीमेंट के लिये राजपुताना प्रॉपर्टीज ने 6,930 करोड़ रुपये और अल्ट्राटेक सीमेंट ने 7,200 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया था। बिनानी सीमेंट के कर्जदाताओं की समिति ने दोनों से संशोधित प्रस्ताव पेश करने को कहा था। इसके बाद अल्ट्राटेक सीमेंट ने 7,900 करोड़ रुपये का संशोधित प्रस्ताव दिया था।