
जेट एयरवेज को खरीदने में जल्दबाजी न करें टाटा संस- बोर्ड मैनेजमेंट
नई दिल्ली। टाटा संस पहले ही जेट एयरवेज को खरीदने में अपनी दिलचस्पी को दिखा चुकी हैं। दोनो के बीच इस सौदे को लेकर शुरुआती बातचीत भी शुरू हो चुकी है। लेकिन जेट एयरवेज के बुरी तरह से कर्ज में डूबे होने के कारण टाटा संस इसे खरीदने में किसी भी तरह की जल्दबाजी नहीं कर चाहती है। टाटा संस जेट एयरवेज को खरीदने से पहले इस बात की पुष्टि कर लेना चाहती है कि ये सौदा उनके लिए आगे जाकर घाटे का होने वाला है या फिर फायदे का। टाटा संस इस सौदे को लेकर धीरे-धीरे कदम बढ़ाना चाहती है।
टाटा संस के बोर्ड ने दी ये सलाह
हाल ही में टाटा संस के बोर्ड ने मैनेजमेंट से कहा है कि वह जेट एयरवेज के साथ डील में जल्दबाजी न करे और उससे पहले कंपनी की बैलेंस शीट की अच्छी तरह पड़ताल करे। नरेश गोयल की एयरलाइन कंपनी की देनदारियों को लेकर कुछ चिंताएं सामने आने के बाद टाटा संस के बोर्ड ने मैनेजमेंट को यह नसीहत दी है। इतना ही नहीं बोर्ड ने टाटा संस सलाह देते हुए कहा है कि उन्हे इस सौदे से पहले बाहरी सालहकार से बातचीत कर लेनी चाहिए। साथ ही एयरलाइन कंपनी के खातों की अच्छी तरह जांच की कर लेनी चाहिए।
टाटा समूह कर रही 2 एयरलाइनों का परिचालन
आपकों बता दें कि टाटा समूह पहले से ही 2 एयरलाइन कंपनियों का परिचालन कर रहा है। टाटा संस का सिंगापुर एयरलाइन्स (एसआईए) के साथ एक ज्वाइंट वेंचर है और एयर एशिया इंडिया में भी कंपनी भागीदार है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अब टाटा समूह नरेश गोयल की अगुआई वाले जेट एयरवेज का सिंगापुर एयरलाइंस के साथ मिलकर पूर्ण अधिग्रहण करने की योजना बना रहा है। इसी को लेकर हाल ही में टाटा संस की बोर्ड मीटिंग भी हुई थी।
टाटा संस लेगी बाहरी एजेंसियों की मदद
टाटा ग्रुप की कंपनी जब भी 100 करोड़ से अधिक का निवेश करती है, तो उसके लिए टाटा संस के बोर्ड की मंजूरी लेनी पड़ती है। कंपनी के आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन के मुताबिक ऐसा करना जरूरी है। सूत्र ने बताया जेट एयरवेज के ड्यू डिलिजेंस के लिए इनहाउस टीम के अलावा, दो बाहरी एजेंसियों की मदद ली जाएगी।
Published on:
20 Nov 2018 12:59 pm
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