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आरबीआर्इ की 9 घंटे तक चली मैराथन बोर्ड मीटिंग में ये हुए फैसले

सोमवार को रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया की बोर्ड मीटिंग करीब 9 घंटे तक चली, जिसमें कर्इ अहम मुद्दों पर आपसी सहमति बनी।

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आरबीआर्इ की 9 घंटे तक चली मैराथन बोर्ड मीटिंग में ये हुए फैसले

नर्इ दिल्ली। रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया की सोमवार को 9 घंटे तक चली मैराथन बोर्ड मीटिंग में कर्इ अहम फैसले लिए गए। इस बोर्ड मीटिंग में उन मुद्दों पर भी सहमति बनी, जिनसे सरकार आैर आरबीआर्इ के बीच काफी तनाव बना हुआ था। प्राप्त जानकारी के अनुसार बोर्ड मीटिंग में फाइनेंशियल सेक्टर में तरलता बढ़ाने आैर स्माॅल इंडस्ट्री के कर्ज को बढ़ाने में आम सहमति बन गर्इ है। वहीं दूसरी आेर बैठक में इकाेनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क (ईसीएफ) के लिए एक्स्पर्ट कमिटी बनाने पर सहमति भी बनी है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर इस मीटिंग में आैर किन मुद्दों पर बातचीत हुर्इ।

बोर्ड मीटिंग में हुआ कुछ एेसा
- जानकारी के अनुसार रिजर्व बैंक फाइनेंशियल सेक्टर में तरलता बढ़ाने लिए 8 हजार करोड़ रुपए बाजार में उतारेगी। यह 8 हजार करोड़ रुपए सरकारी बांड की खरीदारी कर बाजार में उतारे जाएंगे। साथ ही आरबीआर्इ ने छोटे उद्योगों का कर्ज बढ़ाने को तैयार हो गया है।
- इस बैठक में केंद्रीय बैंक को कितनी पूंजी की जरूरत है, लघु एवं मझोले उद्यमों को कर्ज देने और कमजोर बैंको के नियमों पर चर्चा हुई।
- रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल और सभी डेप्युटी गवर्नरों की सरकार द्वारा मनोनीत डायरेक्टर्स के साथ विवादित मुद्दों पर बीच का रास्ता निकालने को लेकर आमने-सामने बातचीत हुई।
- आरबीआई सेंट्रल बोर्ड इकनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क (ईसीएफ) पर चर्चा के लिए एक्स्पर्ट कमिटी बनाने को भी राजी हो गया है। इस कमिटी के सदस्यों पर सरकार और आरबीआई संयुक्त रूप से निर्णय लेंगे।
- आरबीआई का फाइनेशियल सुपरविजन बोर्ड प्रॉम्प्ट करेक्टिव ऐक्शन (पीसीए) के फ्रेमवर्क की निगरानी करेगा।
- बोर्ड ने रिजर्व बैंक को 25 करोड़ रुपए की कुल ऋण सुविधा के साथ छोटे एवं मझोले उद्योगों की दबाव वाली परिसंपत्तियों का पुनर्गठन करने की योजना पर विचार करने का सुझाव दिया।