
हिंदुस्तान यूनिलीवर को झटका, GST के तहत रुका 137 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट
नर्इ दिल्ली। वस्तु एंव सेवा कर (जीएसटी) अब देश की सबसे बड़ी एफएमसीजी कंपनी के लिए आफत बनती दिखार्इ दे रही है। देश की सबसे बड़ी एफएमसीजी कंपनी हिंदुस्तान युनिलीवर (एचयूएल) को मिलने वाले इनपुट टैक्स क्रेडिट को टैक्समैन ने रोक लगा दिया है। एक सरकारी अधिकारी के मुताबिक कंंपनी ने जीएसटी लागू होने से पहले कुछ सर्विसेज पर इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम किया था। ब्लूमबर्ग क्विंट को नाम न बताने की शर्त पर एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि जीएसटी के लिए तकनीकी सेवा देने वाली जीएसटी नेटवर्क ने इस एफएमसीजी कंपनी के 137 करोड़ रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट को ब्लाॅक कर दिया है। उन्होंने कहा कि ये क्षेत्रीय टैक्स अधिकारी के आदेश पर अस्वीकार किया गया है।
CBIC से बातचीत का दौर जारी
अधिकारी ने बताया कि कंपनी ने इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर के तौर पर क्रेडिट क्लेम किया था। जो कि एेसे ही कार्य करता है। उदाहरण के तौर पर मान लीजिए कि किसी कंपनी के प्रमुख ने कोर्इ अकाउंटिंग साॅफ्टवेयर को खरीदा जिसे उसके देशभर में चार अन्य कार्यालयों में इस्तेमाल किया जा रहा है। यहां इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर ही उसके चार कार्यालयाें का क्रेडिट डिस्ट्रीब्यूट करेगा। वो इसी क्रेडिट का इस्तेमाल अपने टैक्स लायबिलिटी का भुगतान करने के लिए करेंगे। इस मुद्दे को लेकर एचयूएल सेन्ट्रल बोर्ड आॅफ इनडायरेक्ट टैैक्स एंड कस्टम (CBIC) से बातचीत कर रही है। हालांकि कंपनी के तरफ से इस बात को लेकर कोर्इ आधिकारिक बयान नहीं आया है।
GSTN ने झाड़ा पल्ला
GSTN ने इसपर कहा है कि हम जीएसटी के लिए केवल इन्फाॅर्मेशन टेक्नोलाॅजी की ही सुविधा उपलब्ध कराते हैं आैर हमारे पास इससे जुड़े किसी भी नियम को लेकर हमारे पास कोर्इ अधिकार नहीं है। जीएसटीएन ने आगे कहा कि हमारे पर इसको लेकर कोर्इ कार्रवार्इ करने का अधिकार भी नहीं है। इससे जुड़ी कार्रवार्इ या तो टैक्सपेयर करता है या फिर टैक्स अधिकारी। डेलाॅइट इंडिया के पार्टनर एमएस मणि के अुनसार, यदि कोर्इ कंपनी सभी जरूरी कागजात जमा करती है जो उसे टैक्स क्रेडिट देने से मना नहीं किया जा सकता। हालांकि इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूशन का ट्रांजिशन क्रेडिट के लिए कोर्इ विशेष प्रावधान नहीं है।
Published on:
10 Jul 2018 06:04 pm
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