
नई दिल्ली: टेलीकॉम सेक्टर ( TELECOM SECTOR ) की हालत कोरोनासंकट नहीं बल्कि उसके पिछले ऋणों की वजह खराब होगी । ये कहना है डोमेस्टिक रेटिंग एजेंसी ICRA का । रेटिंग एजेंसी का दावा है कि कोरोना वायरस की वजह से इंडस्ट्री पर कोई खास असर नहीं आया है लेकिन 90000 करोड़ रूपए के AGR की वजह से इस सेक्टर पर अनिश्चितता के बादल छाएं हैं।
इसीलिए मुमकिन है कि इंडस्ट्री का 4.4 लाख करोड़ का कर्ज आने वाले वक्त में और बढ जाए। ( 31 मार्च तक टेलीकॉम सेक्टर पर 4 लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज रिकॉर्ड किया गया है। )
लॉकडाउन ने कराया फायदा-
एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भले ही कोरोना लॉकडाउन की वजह से लोग फिजीकली रीचार्ज नहीं करा पा रहे हैं लेकिन उसके बदले वर्क फ्रां होम की वजह से डेटा कंजप्शन बढ़ा है। जिसके चलते इंडस्ट्री को नुकसान होने का सवाल ही नहीं पैदा होता है। लेकिन अभी तक टेलीकॉम कंपनीज ने इस बात का खुलासा नहीं किया है कि वो AGR का बकाया 90 हजार करोड़ किस तरह से पे करेंगी एक साथ या टुकड़ों में जिसकी वजह से इस सेक्टर का भविष्य अंधकार में दिखाई पड़ रहा है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 में टैरिफ रेट्स में बढ़ोत्तरी का इन कंपनीज को अच्छा खासा फायदा हुआ है लेकिन इसके बावजूद AGR बकाया की वजह से वित्तीय वर्ष 2021 में इस सेक्टर पर ऋण का बोझ बढेगा ।
ICRA का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2021 में टेलीकॉम सेक्टर की आय में 18 फीसदी की बढ़ोत्तरी हो सकती है और 21 फीसदी का ऑपरेटिंग प्रॉफिट ग्रोथ लगभग 75000 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है।
टेलीकॉम कंपनीज ने सरकार से मांगी मदद-
आपको बता दें कि हाल ही में टेलीकॉम सेक्टर ने सरकार से राहत देने की बात कही थी । टेलीकॉम कंपनीज का कहना था कि सरकार के निर्देश के बाद 21 दिनों में सेलेक्टेड कस्टमर्स को फ्री रीचार्ज सुविधा देने की वजह से उन्हें 600 करोड़ का नुकसान हुआ है वहीं अब सरकार सभी को एक समान रूप से फायदा पहुंचाने की बात कर रही है तो इससे इन कंपनियों का नुकसान बढ़ने की उम्मीद बढ़ रही है।
Updated on:
17 Apr 2020 01:51 pm
Published on:
17 Apr 2020 01:10 pm
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