
tik tok
नई दिल्ली: आज के टाइम में जब हर इंसान फेमस होना चाहता है तो इसके लिए वो अपनी सारी बातें पब्लिक करने से भी गुरेज नहीं करते। लोगों की इसी मानसिकता का फायदा TikTok App ने उठाया। TikTok App ने हर किसी को लिपसिंक और वायरल वीडियो पर एक्ट कर स्टार बनने का लॉलीपॉप दिया और बदले में TikTok हाल के दिनों का सबसे ज्यादा प़ॉपुलर ऐप बन गया। सवाल उठता है कि क्या ऐप बस यही काम करता है। अगर हां तो फिर क्यों भारत के बाद ( tiktok ban in india ) TikTok ने अमेरिकी प्रशासन की नींद उड़ा रखी है। जी हां, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप ( Donald Trump ) और स्टेट सेक्रेटरी Michael Pompeo ने बीते सप्ताह ही अमेरिका में TikTok को बैन करने के संकेत दिये हैं । हालांकि अभी तक वहां की सरकार ने इस तरह का कोई कदम नहीं उठाया है लेकिन ऐसा किया जा सकता है।
दरअसल फोन में डाउनलोड होने के तुरंत बाद से TikTok आपके बारे में जानकारियां जुटाना ( Data Collection ) शुरू कर देता है । यहां तक कि जब आप वीडियो नहीं बना रहे होते हैं या कुछ और कर रहे होते हैं उस वक्त भी ये ऐप इस बात का हिसाब रखता है कि आप कहां जां रहे हैं और किन दूसरी ऐप्स या वेबसाइट को खंगाल रहे हैं।
यहां पर दिक्कत ये नहीं है कि TikTok आपकी जानकारियां इकट्ठी करता है बल्कि बड़ी समस्या ये है कि TikTok आपकी जानकारियों को कहां और किसके साथ शेयर कर रहा है । जिस बात की जानकारी सिर्फ TikTok को है। यही वजह है कि फिलहाल पूरी दुनिया TikTok App को लेकर सशंकित है।
आपको बता दें कि अमेरिका में Democratic और Republican national committees and Wells Fargo & Co. ने लोगों को इस ऐप का इस्तेमाल करने से रोक रखा है। हालांकि टिकटॉक की पैरेंट कंपनी ByteDance Ltd. बीजिंग को डेटा देने की बात से लगातार इंकार करती है, और इसके साथ ही खुद को चायनीज सत्ता से दूर बताने के लिए कंपनी मैनेजमेंट बोर्ड बदलने पर भी विचार कर रही है। कंपनी ने हाल ही में अमेरिका के Kevin Mayer को अपना CEO नियुक्त किया है । Kevin Mayer इससे पहले Walt Disney Co. को लीड कर रहे थे ।
आर्थिक और राजनीतिक उठापटक ने बढ़ाया शक-
इसमें भी कोई दो राय नहीं है कि अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते आर्थिक और राजनीतिक उठापटक का सीधा असर इस ऐप पर पड़ रहा है। अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के 25 प्रभावशाली सांसदों ने उनसे अनुरोध किया है कि जिस तरह से भारत ने एप्स को बैन किया है, उसी तरह से इन्हें अमेरिका में भी बैन किया जाए। अभी तक अमेरिका ने इसस बात के सुबूत सार्वजनिक तौर पर नहीं दिये है और टिकटॉक खुद इस बात से इंकार करता रहा है लेकिन कंपनी के इंकार कर देने भर से चीजें खत्म नहीं होत जाती ।
टिकटॉक अपने पक्ष में ये भी कहाता है कि Google,Facebook जैसे दूसरे ऐप भी डेटा कलेक्ट करते हैं लेकिन ये सभी ऐप्स डेटा का इस्तेमाल ज्यादा पैसा कमाने के लिए करते है । इन ऐप्स से किसी भी तरह के साइबर अटैक की संभावना नहीं है लेकिन अगर आप टिकटॉक के आईओएस वर्जन को खंगालेंगे तो आपको उसमें से साइबर अटैक की संभावना भी दिखती है। जिसकी वजह से फिलहाल ऐप बड़ी मुसीबत में दिख रहा है।
Published on:
16 Jul 2020 12:04 pm
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