
अब नोएडा में नहीं बनेगा पतंजलि का फूड काॅरपोरेट पार्क, योगी सरकार ने प्रोजेक्ट को किया निरस्त
नर्इ दिल्ली। मंगलवार को यूपी चीफ मिनिस्टर योगी आदित्यनाथ ने अपने जन्मदिन के मौके पर योग गुरु बाबा रामदेव को खतरनाक रिटर्न गिफ्ट देते हुए उनके सपनों को चकनाचूर कर दिया है। शायद ही किसी को इस बात की उम्मीद होगी कि योगी सरकार बीजेपी के करीबी कहे जाने वाले बाबा राम देव को बड़ा झटका देगी। वास्तव में योगी सरकार ने नोएडा में बनने वाले पतंजलि के फूड काॅरपोरेट पार्क के प्रोजेक्ट को पूरी तरह से निरस्त कर दिया है। इस प्रोजेक्ट को अखिलेश यादव की सरकार में मंजूरी दी गर्इ थी। इस बात की जानकारी पतंजलि के सीर्इआे बालकृष्ण ने ट्वीटर के माध्यम से दी है।
बालकृष्ण ने दी जानकारी
बालकृष्ण ने ट्वीटर के माध्यम से जानकारी देते हुए कहा कि 'आज ग्रेटर नोएडा में केन्द्रीय सरकार से स्वीकृत मेगा फूड पार्क को निरस्त करने की सूचना मिली श्रीराम व कृष्ण की पवित्र भूमि के किसानों के जीवन में समृद्धि लाने का संकल्प प्रांतीय सरकार की उदासीनता के चलते अधूरा ही रह गया पतंजलि ने प्रोजेक्ट को अन्यत्र शिफ्ट करने का निर्णय लिया है।' पतंजलि इस प्रोजेक्ट के माध्यम से दिल्ली-नोएडा एनसीआर में प्रवेश करने की योजना बना रही थी। सरकार की आेर से यह पतंजलि आैर रामदेव को बड़ा नुकसान है।
इन शहरों की आेर मूव कर सकता है प्रोजेक्ट
जैसा की बालकृष्ण ने अपने ट्वीट में साफ कर दिया है कि अब इस प्रोजेक्ट को किसी दूसरे शहर में लाया जाएगा। जिसके बाद से अटकलों का बाजार पूरी तरह से गर्म है। जानकारों की मानें तो पतंजलि इस प्रोजेक्ट को हरियाणा के गुरुग्राम जिले में लेकर जा सकती है। वहीं उत्तराखंड आैर हिमाचल की आेर भी इस प्रोजेक्ट को शिफ्ट किया जा सकता है। सूत्रों की मानें तो पतंजलि इस प्रोजेक्ट अपने मुख्य आश्रम से ज्यादा दूर लेकर नहीं जाना चाहती है। इसलिए उन्होंने नोएडा शहर को चुना था। ताकि दिल्ली के नजदीक भी रहे आैर दिक्कते भी ना हों।
यूपी को क्या होगा नुकसान
अगर नोएडा से यह प्रोजेक्ट शिफ्ट होता है तो सिर्फ पतंजलि को ही नुकसान नहीं हुआ हैं। बल्कि यूपी का चेहरा कहे जाने वाले नोएडा आैर उसके आसपास के जिलों को भी नुकसान हुआ है। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से एक लाख से ज्यादा नौकरियों का सृजन होना था। जिसका फायदा यूपी के लोगों को होता। साथ ही इस प्रोजेक्ट से होने वाले प्रोफिट से सरकार को भारी रेवेन्यू भी प्राप्त होता जो अब किसी दूसरे स्टेट के पास चला जाएगा। आपको बता दें इस प्रोजेक्ट की कुल लागत करीब 1700 करोड़ रुपए के आसपास थी। अब देखने वाली बात होगी कि पतंजलि इस प्रोजेक्ट को कहां लेकर जाते हैं।
Published on:
06 Jun 2018 09:52 am
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