पक्के बिल से जो माल ख़रीदा जाता है उसपर लगा जो टैक्स देय होता है, उसी पर आपको जीएसटी रिटर्न भरने से इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलता है। उदाहरण के लिए मान लीजिये किसी मैन्युफक्चरर ने अपने उत्पाद बनाने के लिए 100 रूपए का कच्चा माल खरीदना पड़ रहा है और इस पर उस इस पर 12 फीसदी टैक्स देना पड़ता है। इससे मैन्युफक्चरर को कुल 112 रुपये खर्च करना पडा। अब मैन्युफक्चरर जो सामान तैयार कर रहा उस पर कीमत होता है 120 रूपए, और इस पर जीएसटी है 18 फीसदी। ऐसे में उसे सिर्फ 6 फीसदी ही टैक्स चुकाना होगा। जीएसटी में इनपुट टैक्स क्रेडिट की व्यवस्था का फायदे के लिए सभी ने रजिस्ट्रेशन करा रखा हो, कच्चा माल मुहैया कराने वाले से लेकर रिटेलर तक।