नगर निगम ने नए साल में शुरू किए नए टैक्स, अब सेहत और साफ हवा का भी देना होगा टैक्स: वीडियो
नगर निगम ने नए साल में शुरू किए नए टैक्स, अब सेहत और साफ हवा का भी देना होगा टैक्स: वीडियो

जबलपुर. ‘बच्चे खेलें कहां, बुजुर्ग टहलने कहां जाएं? गुलौआ ताल में भी नगर निगम टैक्स वसूल रहा है। नगर निगम व्यवसायिक संस्था नहीं है फिर भी हर जगह टैक्स वसूली क रना कहां तक सही है? निगम प्रशासन लोगों के साथ तानाशाही कर रहा है।’ सोमवार को धरना-प्रदर्शन कर रहे क्षेत्रीयजन ने निगम प्रशासन पर तानाशाही का आरोप लगाया। दोपहर से लेकर शाम तक 10-10 रुपए प्रवेश शुल्क व वाहन शुल्क वसूले जाने के कारण गुलौआताल परिसर में प्रवेश नहीं कर सके बाहर बैठे बुजुर्गों ने नाराजगी जताई।
स्थानीय लोगों ने शुरू किया विरोध अभियान: नगर निगम पर लगाया तानाशाही का आरोप
निगम की फिर मनमानी, अब गुलौआ ताल में बुजुर्गों की शाम वाली सैर पर लगाया ‘टैक्स’
51 मीटर के कागज पर हस्ताक्षर अभियान
गुलौआताल में प्रवेश शुल्क लिए जाने के विरोध में क्षेत्रीयजन ने हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है। इसके तहत 51 मीटर लम्बे कागज के रोल पर लोगों के हस्ताक्षर कराकर अभियान शुरू किया गया। प्रशासन से मांग की गई कि गुलौआ तालाब में लगने वाला प्रवेश शुल्क बंद कराया जाए। गुलौआ तालाब परिसर की बंद लाइट चालू की जाए।
गुलौआ तालाब की सफ ाई व्यवस्था में सुधार किया जाए। परिसर में 24 घंटे सुरक्षा गार्ड की तैनाती की जाए। तालाब का व्यवसायीकरण बंद किया जाए। सभी मांगों को लेकर मंगलवार को धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।
ये थे शामिल
पूर्व पार्षद संजय राठौड़ व क्षेत्रीयजनों ने हस्ताक्षर अभियान चलाया। इसमें कमला नेहरू ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष गणेश चौकसे, अरुण जैन, शिवम सैनी, अमित विश्वकर्मा, अंकुर साहू, मुकेश पटेल, सौरभ सिंह ठाकुर, रूपेश पाठक, नितिन पटेल, बाबा, नितिन मिश्रा, अरुण जैन शामिल थे।
गुलौआताल को शहरवासियों के लिए ही विकसित किया गया है। मेंटेंनेंस पर खर्च होने वाली राशि की व्यवस्था के लिए प्रशासन ने न्यूनतम शुल्क निर्धारित किया है। न्यूनतम प्रवेश शुल्क होने पर असामाजिक तत्वों को भी आने से रोक पाते हैं, अन्यथा ऐसे लोग आकर अव्यवस्था फैलाते हैं। परिसर की सामग्री से तोड़ फोड़ भी करते हैं।
- आदित्य शुक्ला, उद्यान अधिकारी नगर निगम
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