scriptएक ही प्लॉट को दो बैंकों में बंधक रखकर लिया लाखों का लोन | 25 lakh loan taken by mortgaging the same plot in two banks | Patrika News

एक ही प्लॉट को दो बैंकों में बंधक रखकर लिया लाखों का लोन

locationजबलपुरPublished: Aug 03, 2020 11:49:26 pm

Submitted by:

santosh singh

-खाता एनपीए के बाद एक बैंक ने प्लॉट कब्जे में ले लिया, फिर भी जालसाजों ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर दूसरे बैंक से ले लिया लोन

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जबलपुर. हाथीताल शेट्टी नगर में 1320 वर्गफीट प्लॉट दम्पती और बेटे ने दो बैंकों में बंधक रखकर लोन ले लिया। एक बैंक ने खाता एनपीए होने पर सम्पत्ति अपने कब्जे में ले लिया। दूसरे बैंक का भी खाता एनपीए हो गया। दस्तावेज फर्जी मिले। मामला जिला कोर्ट पहुंचा। वहां से ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ) को जांच के निर्देश दिए गए। ईओडब्ल्यू ने मामले में धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी भादवि का प्रकरण दर्ज जांच में लिया।
जानकारी के अनुसार रुचि कलेक्शन पार्टनरशिप फर्म के पार्टनर धनपत अरोरा, पत्नी शीला अरोरा, बेटा हिमांशु अरोरा ने हाथीताल शेट्टी नगर स्थित 1320 वर्गफीट के प्लॉट को बंधक रखकर बैंक ऑफ महाराष्ट्र की रसल चौक शाखा से 19 जून को 25 लाख रुपए का क्रेडिट लोन ओर दो अगस्त 2014 को पांच लाख का शार्ट टर्म लोन लिया था। बैंक की तरफ से इसके मालिकाना हक की जांच भी कराई गई थी। प्लॉट की कीमत पैनल अधिवक्ताओं ने 41 लाख रुपए दर्शायी थी। लोन की राशि जमा नहीं करने पर बैंक ने प्लॉट कब्जे में लेने की प्रक्रिया शुरू करनी चाही, तो पता चला कि उक्त प्लाट पहले ही पंजाब नेशनल बैंक केंट सदर अपने कब्जे में ले चुका है। इसी प्लॉट को बंधक रखकर धनपत अरोरा, पत्नी शीला अरोरा, बेटा हिमांशु अरोरा और बेटी रुचि अरोरा ने लोन लिया था। खाता एनपीए होने के बाद बैंक ने 29 जून 2015 को उक्तसम्पत्ति कब्जे में ले लिया था। इस जानकारी के आधार पर बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने अपने यहां बंधक रखे गए दस्तावेज और प्लॉट की रजिस्ट्री चैक कराई, तो पता चला कि वह कूटरचित दस्तावेज है। इसके बाद मामला ईओडब्ल्यू के पास पहुंचा। प्राथमिक जांच के बाद ईओडब्ल्यू भोपाल में 16 जून को एफआईआर दर्ज कर जबलपुर को विवेचना सौंपी है।
वर्जन-
कूटरचित दस्तावेज तैयार कर एक बैंक से 30 लाख रुपए का लोन लेने के प्रकरण में एफआईआर दर्ज कर जांच की जा रही है।
नीरज सोनी, एसपी, ईओडब्ल्यू

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