एएसपी शिवेश सिंह बघेल ने बताया कि गिरोह का सरगना वार्ड-22 ककराला बदायूं (यूपी) निवासी इसरार उर्फ टिन्ना बैंक में चोरी के बाद से फरार था। बदायूं पुलिस ने पिछले दिनों उसे कट्टा के साथ गिरफ्तार किया। उसकी गिरफ्तारी की सूचना पर पाटन कोर्ट से प्रोटक्शन वारंट जारी कराते हुए पुलिस की एक टीम बदायूं भेजी गई। वारंट में बदायूं पुलिस को 13 अगस्त तक आरोपी को पाटन कोर्ट में पेश करने का आदेश जारी किया गया है। होशंगाबाद पुलिस भी इसरार को तलाश रही है।
ये है मामला
गिरोह ने 19 फरवरी 2019 की रात शहपुरा स्थित सहकारी बैंक के कैश चेम्बर को गैस कटर से काट कर 80 लाख रुपए चुराए थे। शहपुरा और क्राइम ब्रांच पुलिस ने दो जुलाई 2019 को मामले का खुलासा कर पांच आरोपियों यूसुफ अली, हसरत अली, अफगन अली, इवरान अली और इसरत अली को गिरफ्तार किया था। आरोपियों ने चोरी की रकम से दिल्ली में वाहन, फलों के बगान का ठेका लिया था। मामले में गिरोह के सरगना टिन्ना सहित नबाबुल, फहीम, गोरा, गुड्डा उर्फ काले, फरसाद की तलाश की जा रही है। एसपी ने हाल ही में आरोपियों पर पांच-पांच हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया है। टिन्ना को रिमांड पर लेने के बाद पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश में जुटेगी। गिरोह ने मप्र के अलावा छत्तीसगढ़, यूपी, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र में भी चोरी की है।
पुलिस द्वारा साल 2019 में रिमांड पर लिए गए पांचों आरोपी यूसुफ अली, हसरत अली, अफगन अली, इवरान अली और इसरत अली ने पूछताछ में सभी 11 लोगों की सिलसिलेवार चोरी की रकम से खरीदी गई प्रॉपर्टी की जानकारी दी है। पांचों ने अलग-अलग तहसीलों में खरीदी गई प्रॉपर्टी की पूरी सूची बतायी है। सरगना टिन्ना और नबाबुल ने शहपुरा बैंक चोरी की रकम से जमीन की रजिस्ट्री करायी है। टिन्ना ही 15 हजार वर्गफीट में मकान का निर्माण करा रहा है।
गन्ने की फसल के साथ शुरू हो जाता है गैंग का काम
बदायूं का ककराला गांव के आसपास की जमीन काफी उपजाऊ मानी जाती है। गिरोह के लोग गन्ने की फसल तैयार होने के साथ ही अलग-अलग स्थानों पर गुड़ बनाने वाले मजदूर बनकर काम करने पहुंच जाते हैं। जहां रहते हैं, वहां के आसपास के 100 किमी के दायरे में पडऩे वाले बैंक, एटीएम आदि को अपना टार्गेट बनाते हैं। हाथ मारने के बाद वहां से निकल जाते हैं।
मोबाइल का नहीं करते प्रयोग
ये गिरोह इतना शातिर है कि मोबाइल का प्रयोग किसी वारदात के 15 दिन पहले से बंद कर देते हैं। वारदात के समय भी ये अपने वाहन 500 मीटर दूर खड़ा कर देते हैं। इसके बाद पैदल वे टार्गेट वाले स्थान पर पहुंचते हैं। एएसपी ग्रामीण रायसिंह नरवरिया ने बताया कि गिरोह के बारे में हर छोटी-बड़ी सूचना तैयार कर उनका क्रिमनल डेटा तैयार करेंगे।