आपसी सहमति से अदालतों में लम्बित 33 हजार प्रकरण
जबलपुर। हाईकोर्ट की मुख्यपीठ जबलपुर और इंदौर व ग्वालियर खंडपीठ के साथ राज्य की सभी जिला व तहसील अदालतों में शनिवार को एक साथ राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। इसमें अदालतों में लम्बित 33 हजार से अधिक मामलों का निराकरण किया गया। प्रीलिटिगेशन के 61515 विवादों का सभी पक्षाें की सहमति से पटाक्षेप हुआ। इस तरह कुल कुल 94 हजार मामलों में समझौते की प्रक्रिया में 414 करोड़ से अधिक मुआवजा वितरित किया गया। यह जानकारी मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव रत्नेश चंद्र बिसेन व अतिरिक्त सचिव मनोज कुमार सिंह ने दी।
बताया गया कि प्रदेश में सुनवाई के लिए 1333 पीठों का गठन किया गया था। हाईकोर्ट की मुख्यपीठ जबलपुर व इंदौर-ग्वालियर बेंच में 12 पीठ, जिला व तहसील अदालतों में 1321 पीठों के जरिए सुनवाई हुई। इस बार दो लाख 30 हजार लम्बित व चार लाख 15 हजार प्रीलिटिगेशन मामले सुनवाई के लिए रखे गए थे। इन मामलों में सुनवाई का आधार आपसी समझौते को रखा गया। इससे मामले आसानी से निपट गए। सभी पीठ में सुनावाई के दौरान कई तरह क दृश्य सामने आए। कहीं-कहीं दोनो पक्ष एक साथ भी बैठे नजर आए।
हाईकोर्ट में निपटे 1135 मामले
हाईकोर्ट की मुख्यपीठ जबलपुर में 1363 मामले सुनवाई के लिए रखे गए थे। इनमें से 656 मामलों का समझौते के जरिए निराकरण किया गया। इंदौर खंडपीठ में 530 मामले रखे गए थे। इनमें से 252 मामले निराकृत किए गए। ग्वालियर खंडपीठ में 413 मामले रखे गए थे। इनमें से 227 मामलों का निराकरण हुआ। इस तरह हाईकोर्ट स्तरीय राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 2306 में से 1135 मामलों का जबलपुर, इंदौर व ग्वालियर में निराकरण किया गया।