19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

3 तरफ से जंगल, एक गांव जो 70 साल बाद भी उजाले से दूर

यहां रोशनी की दरकार: पानी के लिए पसीना, 25 किमी दूर तक नहीं कोई अस्पताल 

2 min read
Google source verification

image

mukesh gaur

Dec 22, 2016

8th annivarsary

8th annivarsary

संतोष सिंह@ जबलपुर. तीन तरफ से जंगल से घिरे इस गांव में आजादी के बाद से बिजली नहीं पहुंच पाई। पानी की किल्लत एेसी है कि तीन कुएं सूख गए। पांच हैंडपंप में से दो खराब हैं तो तीन से पानी भरने के लिए लोगों को घंटों जद्दोजहद करनी पड़ती है। एेसे ही हालात 14 किमी दूर दुर्गानगर टोला और खामखेड़ा के भी हैं।

चिरापोड़ी ग्राम पंचायत के नकटिया टोला में जब पत्रिका टीम पहुंची तो 70 घरों में महज महिलाओं व बच्चों के साथ सिर्फ दो पुरुष मिले। एक खेत में काम कर रहा था। दूसरा पम्पिंग सेट सुधार रहा था। बिजली से जुड़ा सवाल किया तो उल्टे पूछा 'क्या बिजली लगाने का सर्वे करने आए हो। फिर खुद ही अपना परिचय दिया। ऑयल से सने हाथ और कपड़े दिखाते हुए चट्टान सिंह बोला- बिजली होती तो पंम्पिंग सेट से छुटकारा मिल जाता। खेत लहलहाते। गुमताबाई ने हैंडपंप दिखाते हुए कहा, अभी गरमी भी नहीं आई, पानी सूख चुका है।

हर महीने पांच लीटर केरोसिन
इस टोले में लोग मोबाइल का तो प्रयोग करते हैं, लेकिन उसे चार्ज करने के लिए आठ किमी की दूरी भी तय करते हैं। पुनिया बाई से जानकारी मिली कि यहां सिर्फ एक निजी संचार कंपनी के ही सिग्नल मिलते हैं। टोले के आखिरी छोर पर गीताबाई ढिबरी दिखाते हुए बोलीं हर महीने चार से पांच लीटर मिट्टी का तेल लग जाता है।

निजी मदद से पहुंची रोशनी
नकटिया, दुर्गा नगर, खामखेड़ा में भले ही सरकारी बिजली नहीं पहुंच पाई, लेकिन एचसीएल के अजय चौधरी की वित्तीय मदद और साहित्यकार रजनीकांत यादव की इंजीनियरिंग ने इन ग्रामीणों के घरों में सोलर की रोशनी पहुंचा दी है। नकटिया में चार महीने पहले ही सोलर पैनल लगाए गए। ट्रेनिंग देकर ग्रामीणों को असेम्बल करना सिखाया।


जिला मुख्यालय से 65 किलोमीटर दूर 70 घरों वाले नकटिया टोला को अब भी बिजली का इंतजार है। सिवनी जिले की सीमा से लगा, बरगी विधानसभा क्षेत्र के शहपुरा ब्लॉक का यह टोला विकास से कोसों दूर है।

ये भी पढ़ें

image