जबलपुर। हादसों के बाद भी पांच माह तक जबलपुर के वन विभाग का अमला बेपरवाह बना रहा। दो हादसों के बाद अब वन विभाग परिक्षेत्र से गुजरने वाली बिजली की लाइनों का सर्वे शुरू करेगा। रेंज ऑफिस के माध्यम से यह पता लगाया जा रहा है कि बिजली की लाइनों की क्या स्थिति है। तारें खुली हैं या झूल रहीं हैं। इसका उद्देश्य बिजली के तारों से जानवरों को मारने की घटनाओं पर भी अंकुश लगाया जा सके। बीट गार्ड के माध्यम से यह जानकारी एकत्रित कराई जा रही है। जबलपुर रेंज के अंतर्गत आने वाला जंगल करीब 82 हजार वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। जिसके अंतर्गत सात रेंज शामिल हैं। बिजली अमले द्वारा कई वन क्षेत्रों में लाइन डाली गई थी।
जबलपुर में भटक कर पहुंचे दो जंगली हाथियों में से एक हाथी की मौत हो गई थी। हाथी के पोस्टमार्टम के दौरान यह बात सामने आई थी कि हाथी की मौत करंट लगने से हुई है। इस घटना से वन अमले की भी खासी किरकिरी हुई थी। जिसके बाद वन विभाग में बिजली की लाइनों की जानकारी को अपडेट किया जा रहा है। वन विभाग के रेंज ऑफीसर विजेंद्र झारिया ने बताया कि कई बार फसलों को जंगली जानवरों से बचाने या शिकार के लिए लाइन से तार डालकर करंट फैला दिया जाता है। इस तरह की घटनाओं पर भी अंकुश लगेगा।