जबलपुर. सोशल मीडिया पर एक वीडियो सुबह से ही तेजी से वायरल हो रहा है। यह वीडीयो एक दुखियारी पत्नी का है, जिसमें वह जबलपुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान हुई अपने पति की मौत की वजह का खुलासा कर रही हैं। उन्होंने वीडियो के माध्यम से स्थानीय प्रशासन से लेकर प्रदेश सरकार तक को घेरा है। उनका कहना है कि मेरे पति की मौत कोरोना से नहीं, प्रशासनिक सिस्टम फेल्योर से हुई है।
पति की मौत के लिए वह डॉक्टरों को जिम्मेदार ठहरा रही हैं। उन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं और सरकार के दावों पर सवाल खड़े किए हैं। पत्नी (नेहा तिवारी) वायरल वीडियो में बता रही हैं कि उनके पति आशीष तिवारी की मौत के 10 दिन बाद वह ऐसा करने की हिम्मत जुटा पाई हैं। वह बता रही हैं कि, मेरे पति को नॉर्मल फ्लू था। उन्हें ऑक्सीजन की जरूरत थी जो नहीं मिली जिससे उनकी मौत हो गई। अब मैं ट्रीटमेंट करने वाले डॉक्टर पर केस करना चाहती हूं।
पीड़ित महिला ने मेडिकल अस्पताल की स्वास्थ्य सुविधाओं और सरकार के दावों पर सवालिया निशान खड़े किए हैं। कहा, 10 दिन पहले पति आशीष तिवारी को कोरोना संक्रमण की वजह से खो दिया था। पति की हालत मरने से 20 मिनट पहले तक ठीक थी और उनकी फोन पर बातचीत हुई थी, लेकिन अचानक ऑक्सीजन न मिल पाने के कारण उन्होंने दम तोड़ दिया।
नेहा बता रही हैं कि अस्पताल की रिपोर्ट के मुताबिक मेरे पति की मौत कोरोना के चलते हुई, लेकिन हकीकत यह है कि उनकी कोरोना रिपोर्ट अब तक नहीं मिली है। न हमारे घर को सील किया और न ही किसी की कोरोना जांच की गई। निजी अस्पताल में उन्हें निमोनिया बताया गया था और भर्ती करने से मना कर दिया गया, जिसके बाद वह मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे थे। भर्ती भी हुए, लेकिन जैसे ही परिजन घर तक खाना और कपड़े लेने पहुंचे। उस 10 मिनट के दरम्यान मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। नेहा इस पूरे प्रकरण के लिए मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों को दोषी ठहराते हुए कार्रवाई की मांग कर रही हैँ।
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