तिथि – सूर्योदय से प्रात: 09.47 मि. तक नंदा संज्ञक एकादशी तिथि रहेगी पश्चात भद्रा संज्ञक द्वादशी तिथि लगेगी। एकादशी तिथि को विश्वेदेवों की भली प्रकार से पूजा करनी चाहिए। वे भक्त को संतान, धन-धान्य और पृथ्वी प्रदान करते हैं। द्वादशी तिथि को भगवान विष्णु की पूजा करके मनुष्य सदा विजयी होकर समस्त लोक में वैसे ही पूज्य हो जाता है, जैसे किरणमालौ भगवान सूर्य पूज्य हैं।
योग – सूर्योदय से प्रात: 10.03 मि. तक सुकर्मा योग रहेगा पश्चात धृति योग लगेगा। सुकर्मा योग के स्वामी इन्द्रदेव माने जाते हैं जबकि धृति योग के स्वामी जल के देवता माने गए हैं।
विशिष्ट योग- दोनों ही योग बेहद शुभ माने जाते हैं व कार्य सिद्धि के लिए सबसे उपर्युक्त होते हैं। इन योगों में कार्य करने से सफलता सुनिश्चित होती है व जातक को मनइच्छित फल प्राप्त होते हैं।
करण- सूर्योदयकालीनकरण – सूर्योदय से प्रात: 09.47 मि. तक विष्टि नामक करण रहेगा पश्चात बव नामक करण लगेगा। इसके पश्चात बालव नामक करण लगेगा।
नक्षत्र– सूर्योदय से 10.48 मि. तक तीक्ष्ण दारुण आश्लेषा नक्षत्र रहेगा पश्चात उग्र क्रूर मघा नक्षत्र लगेगा। अन्य कार्य सभी प्रकार के मंगल कार्यों के लिए आश्लेषा नक्षत्र निषिद्ध माने गए हैं। वहीं संन्यास, गृह त्याग, वानप्रस्थ, मुकदमेबाजी, भिक्षुक आदि कार्य आश्लेषा नक्षत्र में किए जा सकते हैं। वर-वधू की दिखाई रस्म, सगाई, विवाह आदि के लिए मघा नक्षत्र शुभ माने गए हैं।
आज के मुहूर्त – अनुकूल समय में वस्तु विशेष का विक्रय करने के लिए शुभ मुहूर्त है।
श्रेष्ठ चौघडि़ए – चौघडिय़ा के अनुसार समय – प्रात: 06.27 मि. से 07.52 मि. तक शुभ का चौघडिय़ा रहेगा। प्रात: 10.59 मि. से दोप. 02.01 मि. तक क्रमश: चंचल व लाभ के चौघडिय़ा रहेंगे एवं दोप. 05.02 मि. से सायं: 06.33 मि. तक शुभ का चौघडिय़ा रहेगा।
व्रतोत्सव- व्रत/पर्व – आमलकी एकादशी व्रत सबका। रंगभरी एकादशी। मेला श्रीखाटूश्यामजी प्रारंभ। रामस्नेही फूलडोल महोत्सव (राज.)। चंद्रमा – सूर्योदय से रात्रि 10.48 मि. तक चंद्रमा जल तत्व की कर्क राशि में रहेंगे पश्चात अग्नि तत्व की सिंह राशि में प्रवेश करेंगे। भद्रा – प्रात: 09.47 मि. पर समाप्त भद्रा का निवास भूलोक में रहेगा। दिशाशूल- दक्षिण दिशा में। (आज के दिन दक्षिण दिशा में यात्रा को टालना चाहिए)। राहु काल – दोप. 02.01.03 से 03.31.51 तक राहु काल वेला रहेगी। अगर हो सके तो इस समय में शुभ कार्यों को करने से बचना चाहिए।
आज जन्म लिए बच्चे- आज जन्म लिए बच्चों के नाम (डू, डे, डो, मा, मी) अक्षरों पर रख सकते हैं। आज जन्मे बच्चों का जन्म चांदी के पाए में होगा। सूर्योदय से रात्रि 10.48 मि. तक कर्क राशि रहेगी पश्चात सिंह राशि रहेगी। आज जन्म लिए बच्चे की मूलशांति अवश्य कराएं। ऐसे जातक शरीर से उन्नत होंगे। सामान्यत: इनका भाग्योदय करीब 19 वर्ष की आयु में होगा। प्राय: स्वकार्य में चतुर व स्वार्थशील मनोवृत्ति के होंगे। सामाजिक नेतृत्व करने की अद्भुत क्षमता रहेगी। कर्क राशि में जन्मे जातक को अत्यधिक चपलता से बचना चाहिए। सिंह राशि में जन्मे जातक को व्यसनी होने से बचना चाहिए।