
Dowry greedy husband sentenced to 10 years rigorous imprisonment
जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट ने कहा कि छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा नगर परिषद के परिसीमन का आदेश विधिवत प्रक्रि या का पालन करते हुए दावों, आपत्तियों की सुनवाई का अवसर देने के बाद दिया गया। यह सही व वैधानिक है। शुक्रवार को जस्टिस विशाल धगट की सिंगल बेंच ने इस मत के साथ परिसीमन के आदेश को चुनौती देने वाली वाली याचिका खारिज कर दी।
यह है मामला
अमरवाड़ा निवासी भाजपा के मंडल अध्यक्ष शैलेंद्र पटेल की ओर से याचिका दायर कर कहा गया कि 16 अक्टूबर 2019 को अमरवाड़ा एसडीओ ने अमरवाड़ा नगर परिषद के परिसीमन का नोटिस जारी किया। यह प्रस्ताव कांग्रेस के नगर अध्यक्ष विनोद चौरसिया ने नगर परिषद के सीएमओ को दिया। सीएमओ ने इसे बिना विचार कि ए एसडीओ को भेज दिया। नोटिस में कहा गया कि परिसीमन में पंद्रह वार्ड शामिल होंगे। जबकि याचिकाकर्ता ने आवेदन कर आग्रह किया कि 7 फरवरी 2014 के राज्य सरकार के नोटिफिकेशन के आधार पर वार्डों के परिसीमन के पूर्व की स्थिति के आधार पर नगर परिषद के आसन्न चुनाव कराए जाएं। इस पर विचार नहीं किया गया। वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत सिंह ने तर्क दिया कि उक्त प्रस्ताव राजनीति से प्रेरित है। परिसीमन का जो नोटिस जारी किया गया, विधिवत आमजनों को उसकी सूचना नहीं दी गई। महाधिवक्ता शशांक शेखर ने राज्य का पक्ष रखते हुए कोर्ट को बताया कि उक्त नोटिस का विधिवत प्रकाशन किया गया है। इस पर दावे-आपत्तियां आमंत्रित की गई। दावे-आपत्तियां आईं भीं, जिनमें नोटिस संलग्न था। विधिवत इनका निराकरण करने के बाद इसे जारी किया गया। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिका निरस्त कर दी।
Published on:
15 Nov 2019 08:40 pm
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