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मप्र में गजब परीक्षा: पेपर एक, लेकिन जबलपुर में 100, इंदौर में 50 अंक का पर्चा

मप्र में गजब परीक्षा: पेपर एक, लेकिन जबलपुर में 100, इंदौर में 50 अंक का पर्चा  

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जबलपुर। फेल-पास को लेकर विवादों में फंसे मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में गड़बडिय़ां थमने का नाम नहीं ले रहीं। नया गड़बड़झाला एमबीबीएस की परीक्षा में हुआ है। फस्र्ट प्रोफेशनल की परीक्षा में दो प्रकार के पर्चे बांट दिए गए। एक ही परीक्षा में जबलपुर में 100 अंक के सवाल पूछे गए, तो इंदौर में प्रश्नपत्र 50 अंक का था। दोनों पर्चों के सवालों में भी फर्क है। इसका पता एमबीबीएस के छात्र-छात्राओं को लगा, तो वे परेशान हो गए। इस मामले में एक बार फिर एमयू के परीक्षा विभाग की लापरवाही उजागर हुई है। परीक्षा सम्बंधी लगातार गड़बडिय़ों से विभाग की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है।

अनियमितता- मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय का एक और कारनामा

पर्चे के दो सेट, दिया गया एक
एमयू की एमबीबीएस फस्र्ट प्रोफेशनल सप्लीमेंट्री अक्टूबर, 2021 का फिजियोलॉजी का पहला प्रश्नपत्र गुरुवार को मप्र में एक साथ हुआ। इसमें एक सेट ओल्ड पैटर्न (एमसीआई सिस्टम के पुराने छात्र) का है। इसका पूर्णांक 50 है। दूसरे सेट में पूर्णांक 100 है। ये नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) के नए बैच के लिए है। जबलपुर सहित कुछ जगह ओल्ड और न्यू पैटर्न के परीक्षार्थियों को अलग-अलग प्रश्नपत्र दिए गए। इंदौर सहित कुछ जगह न्यू स्कीम के परीक्षार्थियों को भी ओल्ड पैटर्न का 50 अंक वाला प्रश्नपत्र थमा दिया गया। इससे एक परीक्षा (न्यू स्कीम) की परीक्षा में दो-दो प्रकार के पेपर छात्रों को मिले।

ये लापरवाही बनी गड़बड़ी की वजह
- विवि और कॉलेज के बीच संवाद में कमी से दो अलग-अलग सेट के प्रश्नपत्र होने की जानकारी स्पष्ट नहीं हुई।
- प्रश्नपत्र के एक सेट में ओल्ड पैटर्न की जानकारी थी। दूसरे सेट में न्यू पैटर्न की जानकारी दर्ज नहीं है।
- परीक्षा के निर्धारित समय पर प्रश्नपत्र अपलोड नहीं हुआ। देर होने के कारण हड़बड़ी में जो पेपर पहले आया, वह बांट दिया गया।
- विवि की ओर से ओल्ड पैटर्न का प्रश्नपत्र पहले भेजा गया। इसके साथ पेपर का दूसरा सेट भेजने की सूचना नहीं दी गई।
- परीक्षा के दौरान विवि के परीक्षा विभाग और कॉलेजों में स्थित परीक्षा केंद्रों के बीच कामकाज में तालमेल की कमी।


कॉलेजों पर फोड़ रहे ठीकरा
एक ही स्कीम के छात्रों को दो प्रकार के प्रश्नपत्र के सेट परीक्षा के लिए दिए जाने के बाद विवि की ओर से कार्रवाई करके गड़बड़ी पर परदा डालने की तैयारी है। इस कवायद में लापरवाही का ठीकरा कॉलेजों पर फोडऩे की तैयारी है। कॉलेजों के केंद्राध्यक्ष से सवाल-जवाब मांगने की कार्रवाई की जा रही है। इस मामले में एमयू में परीक्षा नियंत्रक वृंदा सक्सेना से पक्ष जानने का प्रयास किया गया। लेकिन, उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

बड़ा सवाल, अंक कैसे देंगे?
इस परीक्षा के बाद रिजल्ट को लेकर अभी से सवाल उठ रहे हैं। न्यू स्कीम में 100 अंक का प्रश्नपत्र है। इसके सेट में इसमें 20 अति लघुउत्तरीय, पांच लघु उत्तरीय और तीन दीर्घउत्तरीय सहित कुल 28 सवाल पूछे गए हैं। इसी स्कीम के छात्रों को ओल्र्ड पैटर्न के दिए पर्चे में दो दीर्घ उत्तरीय, 10 लघुउत्तरीय एवं 10 अति लघुउत्तरीय मिलाकर कुल 22 सवाल पूछे गए हैं। इससे मूल्यांकन और अंकों का विभाजन मुश्किल हो गया है।