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मप्र के इस शहर में सैकड़ों को मिलेगा रोजगार, नौकरी, लग रहीं ये बड़ी इंडस्ट्रीज

locationजबलपुरPublished: Apr 03, 2021 02:46:53 pm

Submitted by:

Lalit kostha

मप्र के इस शहर में सैकड़ों को मिलेगा रोजगार, नौकरी, लग रहीं ये बड़ी इंडस्ट्रीज
 

जबलपुर। जिले में रेडीमेड गारमेंट, खाद्य प्रसंस्करण और विभिन्न प्रकार के निर्माण से जुड़ी इकाइयों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमइजीपी) के तहत विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र में 52 के लक्ष्य की तुलना में 73 इकाइयों को अनुदान राशि दी गई है। योजना की खासियत यह है कि इसमें न केवल स्वरोजगार स्थापित होता है बल्कि इकाईधारक को केंद्र सरकार के मापदंडों के अनुसार रोजगार भी देना अनिवार्य होता है। गत वित्तीय वर्ष में राज्य शासन की किसी भी स्वरोजगार योजना का क्रियान्वयन जिले में नहीं हुआ। ऐसे में केंद्र सरकार की पीएमईजीपी योजना उद्योगों की स्थापना में रुचि लेने वाले उद्यमियों के लिए बड़ा सहारा बनी है। हालांकि जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र को इस योजना के तहत बहुत बड़ा लक्ष्य नहीं मिलता। लेकिन जितना मिला उसे ज्यादा प्रकरण बनाकर बैंकों से स्वीकृत कराया गया। ऐसे में कोरोना के बीच नए उद्यमियों को इकाइयों को लगाने का मौका मिला मिल रहा है।

पीएमइजीपी योजना : 73 नए उद्यमियों को ऋण, 700 से ज्यादा को मिलेगा रोजगार
गारमेंट, फूड और फेब्रीकेशन में बढ़ा रुझान, आएंगी नई इंडस्ट्री
तीन करोड़ की मार्जिन मनी- जिले को चालू वित्तीय वर्ष में मिले भौतिक लक्ष्य 52 और वित्तीय लक्ष्य एक करोड़ 58 लाख 74 हजार रुपए के विरुद्ध इस साल 73 हितग्राहियों को दो करोड़ 94 लाख 76 हजार रुपए की मार्जिन मनी के रूप में अनुदान राशि बैकों द्वारा प्रदान की जा चुकी है। जानकारों ने बताया कि पार्लर, इंजीनियरिंग, रियेयरिंग वक्र्स, फेब्रीकेशन आदि फोकस एरिया हैं।

 

25 लाख रुपए तक अनुदान
नए स्व-रोजगार उद्यमों एवं परियोजना की स्थापना के लिए बनी इस योजना के तहत वित्तीय सहायता मुहैया कराई जाती है। इस योजना के अंतर्गत विनिर्माण क्षेत्र की परियोजना के लिए अधिकतम 25 लाख तथा सेवा क्षेत्र की परियोजना में अधिकतम 10 लाख रुपए का प्रावधान है। आवेदक की उम्र 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। हालांकि विनिर्माण क्षेत्र की 10 लाख रुपए और सेवा क्षेत्र की 5 लाख रुपए से अधिक की परियोजनाओं के लिए आवेदक को न्यूनतम आठवीं कक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए। इस योजना की खासियत यह भी है कि प्रत्येक एक लाख की मशीनरी पर एक रोजगार देना आवश्यक है। इस लिहाज से आमी दिनों में तकरीबन 700 लोगों को रोजगार मिल सकेगा।

पीएमईजीपी योजना के प्रति उद्यमियों का रुझान बढ़ा है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए भौतिक लक्ष्य 52 की जगह 73 हितग्राहियों की परियोजनाओं को मंजूरी देने के साथ बैंकों के जरिए मार्जिन मनी के रूप में अनुदान राशि उपब्ध कराई है।
– देवब्रत मिश्रा, महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र

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