दो साल से परेशान थे छात्र
विवि से संबद्ध कॉलेजों में सत्र 2019-20 में प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राएं दो साल से परीक्षा नहीं होने से परेशान थे। कोरोना की पहली लहर के कारण परीक्षा समय पर नहीं हो सकी थी। तब संक्रमण की स्थिति को देखते हुए आइएनसी ने जनरल प्रमोशन की व्यवस्था दी थी। इसे लागू करने में विश्व विद्यालय ने देर कर दी। संक्रमण काबू में आने के बाद जनरल प्रमोशन का मसौदा बनाया तो शासन ने अनुमति नहीं दी। इस बीच दो साल पिछड़े सत्र को पटरी पर लाने के लिए कुछ समय पहले फिर कवायद हुई।
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परीक्षा पैटर्न में बदलाव की मांग की थी
विवि ने पिछड़ी परीक्षाओं को पटरी पर लाने के लिए सत्र 2019-20 और 2020-21 की परीक्षा लेने की योजना बनाई गई छात्र विरोध में आए तो उन्हें राहत देने के लिए प्रश्न पत्र में सिफ वैकल्पिक सवाल पूछने का खाका खींचा। इसके लिए आइएनसी से अनुमति मांगी तो परीक्षा पैटर्न में बदलाव की विवि की मांग को खारिज कर दिया। सत्र 2019-20 के आइएनसी 10 जुलाई, 2020 के पुराने जनरल प्रमोशन के आदेश को लागू करने के निर्देश दे दिए है।
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30 तक भेजे आंतरिक मूल्यांकन के अंक
आइएनसी की स्वीकृति मिलने के बाद विवि ने जनरल प्रमोशन के लिए कार्रवाई भी शुरू कर दी है। संबद्ध कॉलेजों को विवि में नामांकित छात्र-छात्राओं के आंतरिक मूल्यांकन के अंक की सूची हार्ड एवं सॉफ्ट कॉपी भेजने का निर्देश दिया है। इसे प्राचार्य के हस्ताक्षर के साथ प्रमाणित कर 30 नवंबर तक भेजने की समय- सीमा निर्धारित की है। आंतरिक मूल्यांकन के अंक के आधार पर छात्र-छात्राओं के परिणाम घोषित किए जाएंगे।
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एमपी आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलसचिव, डॉ. प्रभात बुधौलिया ने कहा कि कोरोना काल में नर्सिंग छात्र- छात्राओं की परीक्षा आयोजित हो सकी थी। इसके संबंध में आइएनसी को पत्र भेजा गया था। जिसके जवाब में आइएनसी ने जनरल प्रमोशन देने के निर्देश दिए हैं। इस आधार पर नर्सिंग अंतिम वर्ष को छोड़ कर बाकी सभी कक्षाओं में जनरल प्रमोशन लागू होगा।