scriptचीन को ये शहर दे रहा बड़ी चोट, अब राखी का बायकॉट कर पहुंचा रहा लाखों रुपयों का नुकसान | Boycotting Chinese made rakhis, jabalpur market avoided | Patrika News

चीन को ये शहर दे रहा बड़ी चोट, अब राखी का बायकॉट कर पहुंचा रहा लाखों रुपयों का नुकसान

locationजबलपुरPublished: Jul 12, 2020 11:30:11 am

Submitted by:

Lalit kostha

चीन को ये शहर दे रहा बड़ी चोट, अब राखी का बायकॉट कर पहुंचा रहा लाखों रुपयों का नुकसान
 

rakhi.png

rakhi bazar

जबलपुर। रक्षाबंधन नजदीक आने के साथ ही बाजार में राखी का कारोबार तेज हो गया है। चीन के रवैये को देखते हुए इस बार शहर के थोक कारोबारियों ने चाइनीज राखी और रूमाल खरीदने से इनकार कर दिया है। खरीदारों का भी कहना है कि स्वदेशी राखी ही चलेगी। ऐसे में सभी कारोबारी सतर्क हो गए हैं। जिले में राखी का बड़ा कारोबार है। बीते कुछ साल से चीन में बनी राखियों की भरमार हो गई थी। खासकर बच्चों के लिए चीनी कंपनियां ज्यादा जोर देती रही हैं। इसके अलावा सामान्य रााखियों के मटेरियल ज्यादातर चीन से आते हैं। लेकिन, इस साल ज्यादातर कारोबारियों ने ऐसी राखियों के ऑर्डर ही बुक नहीं किए, जो चीन से आती हैं।

बहनें भी स्वदेशी राखी ही खरीदेंगी चाइनीज राखियों को दूर से ही ना!
व्यापारी भी माल नहीं करा रहे बुक

 

Rakhi
IMAGE CREDIT: net

10 से 12 करोड रुपए़ का कारोबार
जबलपुर की बात करें, तो यहां 40 से 50 थोक कारोबारी हैं, जो बाहरी प्रदेशों में बनीं राखी लाते हैं। हर साल 10 से 12 करोड़ रुपए का राखी और रूमाल का व्यापार होता है। यहां से आसपास के सात से आठ जिलों में इसकी बिक्री होती है। अधिकतर व्यापारी यहीं से राखी खरीदकर क्षेत्रीय बाजारों में बेचते हैं।

40 से 50 राखी के थोक कारोबारी जिले में।
10 से 12 करोड़ के बीच राखी का व्यापार।
20 फीसदी चीनी मटेरियल से बनी राखियां।

पहले आधे बाजार पर था कब्जा
पहले शहर और देश के बाजार में 40 से 50 फीसदी राखियां चीन की होती थीं या उनमें चीनी मटेरियल लगा होता था। अभी भी चीनी मटेरियल लगी राखियां आएंगी, लेकिन व्यापारी उत्पादकों से इस पर सवाल करने लगे हैं।

यहां से आती हैं राखियां
दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, अहमदाबाद, राजकोट।

पहले से तय करते आ रहे हैं कि चीन में बनी राखियों का विक्रय नहीं करेंगे। मैंने चीन के रूमाल तक वापस किए हैं। उत्पादकों से कहते हैं कि वे उन्हें अपने देश में बनीं राखियां भेजें।
– अंकुश जैन, थोक विक्रेता

लॉकडाउन के कारण राखी का व्यापार मंदा है। थोड़ी और परेशानी उठा लेंगे, लेकिन चीन में बनी राखी नहीं लाएंगे। इस साल ऐसी राखी लाए हैं, जो देश में ही बनी हैं। अब ग्राहक भी पूछते हैं कि राखी कहां बनी है?
– हर्षित केसरवानी, थोक विक्रेता

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो