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शहर की गलियों में ‘बुलेट गैंग्स’ का आतंक, झुंड में फर्राटा दौड़ा रहे बाइक्स

शहर की गलियों में ‘बुलेट गैंग्स’ का आतंक, झुंड में फर्राटा दौड़ा रहे बाइक्स

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bullet gang

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जबलपुर। शहर में इन दिनों ‘बुलेट गैंग्स’ आम लोगों को परेशान करने के साथ उनमें दहशत फैलाने का काम कर रही हैं। कम उम्र के युवाओं की ये गैंग एक दो नहीं बल्कि दर्जनों में हैं, जो शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में रोजाना हुड़दंग मचा रही हैं। इनसे भिडऩे या टोकने तक की लोग हिम्मत नहीं दिखा पा रहे हैं, यदि किसी ने रोका या इनके सामने से आगे निकल गया तो उसे भेडऩे से लेकर मारपीट तक कर दी जाती है।

साइलेंसर से गोली चलने की आवाज निकालने और चिल्लाते हुए फैला रहे दहशत

शांति नगर में रोजाना रात को दौड़ रहीं बुलेट गैंग
पिछले एक पखवाड़े से क्षेत्रीय बस स्टैंड से लेकर त्रिमूर्ति नगर अघोरी बाबा मार्ग में एक दर्जन बुलेट व अन्य स्पोट्र्स बाइक वाले युवाओं की गैंग आतंक मचा रही है। बुधवार रात करीब 9 बजे ये गैंग पानी की टंकी में एकत्रित होकर पूरे शांति नगर तलैया व गलियों का चक्कर लगाते हुए अघोरी बाबा मंदिर की ओर चली गई। इस दौरान बुलेट से गोली चलने की आवाज निकालने से लेकर तेज हॉर्न बजाने, गालियां देने सहित चिल्लाते हुए बाइकर्स लोगों को दहशत में डाल रहे थे।

पंजाब बैंक कॉलोनी के पास आए दिन विवाद
रज्जू गुरु अखाड़े से लेकर पंजाब बैंक कॉलोनी होकर शिवनगर व विजय नगर की ओर जाने वाले रास्तों पर भी एक बुलेट गैंग सक्रिय है। ये आए दिन सामने आने वाले आम राहगीरों व वाहन चालकों को धमकाने व मारपीट करने के लिए पहचानी जानी लगी है। दो दिन पूर्व ही एक स्कूटी सवार व्यक्ति को बुलेट गैंग ने टक्कर मारकर गार्डन पास गिरा दिया था।

सिविक सेंटर में रोज सुबह आती है गैंग
सिविक सेंटर में रोजाना तीन से चार बुलेट चलाने वाले युवाओं की गैंग तेज आवाज साइलेंसर और हॉर्न बजाते हुए कई चक्कर लगाती है। इनमें कुछ स्कूल स्टूडेंट्स भी शामिल हैं। आज तक इन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

सूनसान सडक़ों व अंदरूनी कॉलोनियां इनकी पसंदीदा जगह
शहर के अन्य क्षेत्रों में भी ऐसी बुलेट गैंग्स दहशत फैला हुए हैं। इसमें शामिल युवाओं की उम्र 18 से 25 साल के बीच की होती है। साथ ही बुलेट का तेज आवाज करने वाला साइलेंसर लगा हुआ होता है, जो गोली चलने जैसी आवाज भी करता है। इन बाइकर्स की पसंदीदा जगहें अंदरूनी कॉलोनियां, सुनसान सडक़ें होती हैं। एक गैंग में एक से डेढ़ दर्जन युवा शामिल होते हैं।

कई गुना तेज आवाज
पर्यावरण (संरक्षण) नियम, 1986 के अनुसार, मोटरसाइकिल और स्कूटर्स के लिए अधिकतम ध्वनि सीमा 80 डेसिबल है। फैक्ट्री माडल के स्टाक साइलेंसर में तीन फिल्टर होते हैं जो कम आवाज करते हैं। लेकिन मॉडिफाइड साइलेंसर में 120 डेसिबल से ज्यादा तेज आवाज निकलती है। यही साइलेंसर बुलेट चलाने वाले युवाओं की पसंद बना हुआ है। ऐसे एक्जास्ट सिस्टम को लगाने का खर्च कुछ हजार रुपए होता है।

बुलेट चालकों की लगातार शिकायत मिल रही है, इन पर कार्रवाई भी की जा रही है। साइलेंसर बदलना कानूनी तौर पर सही नहीं है। अब ऐसे बाइकर्स पर कार्रवाई के साथ ही गाड़ी जब्ती तो होगी ही परिजनों को भी बुलाकर समझाइस दी जाएगी।
- प्रदीप शेंडे, एएसपी, ट्रैफिक