मसूद की ओर से आज कोर्ट में दलील पेश की गई। पुलिस ने 29 अक्टूबर को कलेक्टर ऑर्डर के उल्लंघन की एफआईआर दर्ज की थी। उसके बाद 4 नवम्बर को सरकार ने जानबूझकर उनके खिलाफ भडक़ाऊ भाषण की एफआईआर दर्ज करवाई गई है।
सरकार ने रखा अपना पक्ष
सुनवाई के दौरान सरकार ने हाईकोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा। सरकार की ओर से कहा गया कि आरिफ मसूद के ख़िलाफ़ अब तक 29 मामले दर्ज हो चुके हैं। भोपाल में दिए इस भाषण में मसूद ने धार्मिक भावनाएं भडक़ाईं। जबलपुर हाईकोर्ट में मसूद की जमानत याचिका पर आज सुनवाई पूरी हुई, जिसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। भोपाल के इक़बाल मैदान में भाषण को लेकर मुकदमा दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए मसूद ने अग्रिम ज़मानत के लिए हाईकोर्ट की शरण ली थी। पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने केस डायरी तलब की थी। इस पर आज ऐक्टिंग चीफ़ जस्टिस की डिविजन बेंच ने मामले पर सुनवाई की।
भोपाल अदालत में कड़ा पहरा
आरिफ मसूद पर आज अदालत का फैसला आने की संभावना को देखते हुए भोपाल में जिला अदालत पर भारी पुलिसबल तैनात तैनात किया गया था. बेरिकेट्स लगाकर पुलिस ने अदालत के आसपास सुरक्षा बढ़ाई पहरा बैठाया. जमानत नहीं मिलने पर जिला कोर्ट में सरेंडर करने की पहले से ही संभावना थी.