जबलपुरPublished: Jan 24, 2021 08:56:20 pm
shyam bihari
जबलपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल : कोविड संक्रमण दर घटने के बाद सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की व्यवस्था में बदलाव
जबलपुर। कोरोना के नए मरीजों की संख्या घटने के साथ जबलपुर में आइसोलेशन वार्ड खाली होने लगे हैं। इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज ने कोरोना वार्ड की व्यवस्था में बदलाव शुरू कर दिया है। सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में न्यूरो, हार्ट सहित अन्य गम्भीर बीमारी से पीडि़त मरीजों के उपचार के लिए बिस्तर बढ़ाना शुरू कर दिए हैं। रविवार तक सुपर स्पेशलिटी का कोरोना वार्ड का एक फ्लोर पूरी तरह खाली हो जाएगा। इससे सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में फ्लोर बेड पर पड़े न्यूरो, हार्ट सहित अन्य गम्भीर बीमारी के पीडि़तों को भर्ती करने बिस्तर उपलब्ध होंगे। कोरोना काल में बिस्तरों की कमी के कारण ऑपरेशन के लिए प्रतीक्षा कर रहे मरीजों को जल्द राहत मिल सकेगी।
सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल
– तीन तल (1 से 3 तक) पर कोविड आइसोलेशन वार्ड बनाए थे।
– एक कोविड आइसोलेशन वार्ड (तीसरा तल) खाली कर दिया है।
– एक कोविड आइसोलेशन (दूसरा तल) वार्ड में ही अभी मरीज है।
– एक कोविड आइसोलेशन (प्रथम तल) इमरजेंसी के लिए रिजर्व है।
जरूरतमंद मरीजों को मिलेंगे बिस्तर
सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में न्यूरो, हार्ट, किडनी के मरीजों के लिए आधुनिक जांच एवं उपचार सुविधा है। इनसे संबंधित बीमारियों के गम्भीर मरीज पूरे अंचल से इलाज कराने आते हैं। हॉस्पिटल के पांच मंजिला भवन में तीन तल को कोरोना संक्रमण काल में कोविड आइसोलेशन वार्ड में बदल दिया गया था। इससे अन्य बीमारी के गम्भीर मरीजों को भर्ती करने के लिए चौथे तल पर सिर्फ 30 बिस्तर थे। न्यूरो, हृदय और किडनी के गम्भीर मरीज बढऩे से कॉरीडोर तक में फ्लोर पर बेड लगाकर मरीज भर्ती करना पड़ रहा था। अब कोविड आइसोलेशन का थर्ड वार्ड खाली होने से दूसरे गम्भीर मरीजों को तुरंत बिस्तर मिल सकेगा।
ये है स्थिति
– 120 के करीब कोविड बेड मेडिकल कॉलेज (पोस्ट कोविड सहित) में हैं।
– 22 इसमें सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के फस्र्ट फ्लोर में है, जो रिजर्व में हैं।
– 64 बिस्तर सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के दूसरे फ्लोर में, इसमें मरीज भर्ती हैं।
– 34 के लगभग बिस्तर (पेइंग वार्ड सहित) मेडिकल अस्पताल की बिल्ंिडग में।
– 45 के करीब मरीज भर्ती है। (पॉजिटिव, सस्पेक्टेड और पोस्ट कोविड सहित)
बाकी वार्ड पहले हो चुके हैं खाली
कोरोना संक्रमण के कमजोर पडऩे पर आसपास के जिलों से आने वाले गम्भीर संक्रमित मरीज की संख्या भी कम हो गई। शहर में भी संक्रमण लगातार कम हो रहा है। इसके चलते संक्रमण की पहली लहर के समय कोविड आइसोलेशन वार्ड बनाए गए रिजनल स्पाइनल इंज्यूरी सेंटर, स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट, स्कूल ऑफ एक्सीलेंस इन पलमोनरी मेडिसिन और अस्पताल की पुरानी बिल्ंिडग के कुछ वार्ड पहले ही बंद किए जा चुके हैं। इसमें कैंसर इंस्टीट्यूट के अलावा बाकी वार्ड में संबंधित विभाग के मरीजों (कोरोना नहीं) को छोड़कर भर्ती करना शुरू कर दिया गया है। कैंसर इंस्टीट्यूट को अभी कोविड वैक्सीनेंशन सेंटर बनाया है।