-ठगी के कई मामले सामने आने पर पुलिस ने जारी की एडवाइजरी
जबलपुर। यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस ने ई-चालान की कार्रवाई शुरू की तो साइबर ठगों ने इसे ठगी का जरिया बना लिया। वे फेक ई-चालान का टेक्स्ट मैसेज भेजकर लिंक के जरिए चालानी राशि जमा करने को कहते हैं। लिंक पर क्लिक करते ही मोबाइल फोन हैक हो जाता है और अकाउंट से राशि निकाल ली जाती है। कई जगहों पर फर्जी ई चालान से ठगी के मामले सामने आने के बाद पुलिस ने एडवाइजरी जारी कर लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा है।
स्पॉट पर खींची जाती है तस्वीर
यदि कोई वाहन चालक किसी यातायात नियम का उल्लंघन करता है और उसके पास तत्काल चालानी राशि जमा करने के लिए रुपए नहीं होते तो ट्रैफिक पुलिस का जवान स्पॉट पर उसके वाहन की तस्वीर खींचता है। शहर में आईटीएमए चौराहों पर ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के घर डाक के माध्यम से चालान भेजे जाते हैं।
फोन पर देते हैं धमकी
साइबर ठग बल्क में फेक ई-चालान के मैसेजे भेजते हैं। इसके बाद भी यदि कोई लिंक पर क्लिक नहीं करता है तो वे मोबाइल फोन पर खुद को पुलिस अधिकारी बताकर तत्काल चालानी राशि जमा नहीं करने पर जेल भेजने की धमकी देते हैं।
ऐसा होता है ई-चालान
● मोबाइल पर भेजा जाता है मैसेज
● एक प्रति डाक के माध्यम से घर पहुंचती है।
● ई-चालान में स्थान और यातायात नियम के उल्लंघन की होती है जानकारी
● नियम तोड़ते हुए तस्वीर और समय की जानकारी होती है
इनका कहना है...
साइबर ठग नकली ई-चालान भेजकर ठगी कर रहे हैं। ई- चालान आने पर सबसे पहले सम्बंधित ट्रैफिक थाने जाकर उसकी पुष्टि करना चाहिए। इसके बाद आगे की प्रक्रिया करना चाहिए।
संतोष कुमार शुक्ला, डीएसपी, ट्रैफिक
साइबर ठगों से ऐसे बचें
● सबसे पहले तो सोशल मीडिया पर अपनी फोटो, -वीडियो या वॉयस से जुड़े पोस्ट पर प्राइवेसी सेट करें। इसे दूसरा सेव या कॉपी न कर पाएं ये सुनिश्चित करें।
● अनजान नंबर से कॉल आए तो उठाने से बचें। अगर एक बार नजरअंदाज करने के बाद भी बार-बार कॉल आए तो उसे जरूर चेक करें।
● अगर कोई आपको दोस्त या रिश्तेदार बताकर रुपयों की डिमांड करता है, तो अपनी तरफ से खुद उस दोस्त या रिश्तेदार के नंबर पर कॉल करके चेक करें।
● रुपए ट्रांसफर करने भी जा रहे हैं तो नाम जरूर चेक करें। पैसा उसी नाम के अकाउंट में ट्रांसफर करें जो आपके दोस्त या रिश्तेदार का है। किसी अनजान के खाते में रुपए न भेजें।
● ठगी के शिकार हो गए हैं तो तुरंत 1930 पर कॉल करें।