
फोटो सोर्स- पत्रिका
MP News: मध्यप्रदेश के जबलपुर में सिहोरा तहसील को जिला बनाए जाने की मांग लगातार 25 सालों से उठाई जा रही है, लेकिन मांग सिर्फ आश्वासनों तक ही सीमित रह गई। इसी उपेक्षा के विरोध में सिहोरा आंदोलन समिति के अंतर्गत 10 दिनों से आंदोलन जारी है। जो कि उग्र रूप लेता जा रहा है।
दरअसल, सिहोरा को जिला बनाने की मांग को लेकर संघ के पूर्व प्रचारक प्रमोह साहू ने अन्न त्याग करके अनशन शुरु कर दिया था। उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा के जबलपुर आगमन पर मुख्यमंत्री से जिले की मांग पर वार्ता कराने के आश्वासन के बाद वे जल ग्रहण करने को तैयार हुए, लेकिन उन्होंने साफ कहा है कि सिहोरा के जिला बनने तक अन्न ग्रहण नहीं करेंगे।उनका अनशन वर्तमान में घर पर जारी है, जबकि अन्य सत्याग्रही पुराने बस स्टैंड पर क्रमिक अनशन पर डटे हुए हैं।
बीते 2.5 वर्षों में आंदोलन समिति ने सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए असाधारण और कठोर तरीके अपनाए हैं। दो बार खून के दीए जलाए गए, वहीं भूमि सत्याग्रह के दौरान आंदोलनकारियों ने अपने आधे शरीर को गड्ढे में दबाकर विरोध दर्ज कराया, जिससे प्रदेशभर में चर्चा हुई।
आंदोलन समिति के विकास दुबे, मानस तिवारी और के.के. कुररिया ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नगर पालिका व विधानसभा चुनाव के दौरान सिहोरा को जिला बनाने का आश्वासन दिया था। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, सांसद प्रहलाद पटेल और भाजपा प्रत्याशी रहे विधायक संतोष बरकड़े ने भी जीत के बाद यह वादा दोहराया, लेकिन ढाई वर्ष बीतने के बाद भी सिहोरा को जिला नहीं बनाया गया।
आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र निर्णय नहीं हुआ तो आंदोलन और उग्र होगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।
मध्य प्रदेश की कैबिनेट के द्वारा सिहोरा को जिला बनाने की मंजूरी दी गई थी। उसके 3 दिन बाद ही आचार संहिता लगनी थी। इसके चलते सरकार ने फैसला लिया था कि 26 जनवरी 2004 को सिहोरा जिला अस्तित्व में आ जाएगा। चुनाव हुए तो दिग्विजय सिंह की सरकार नहीं बन पाई। बीजेपी से उमा भारती सीएम बनीं और 26 जनवरी को भी सिहोरा जिले के अस्तित्व में नहीं आ पाया।
Updated on:
17 Dec 2025 04:50 pm
Published on:
17 Dec 2025 04:36 pm
बड़ी खबरें
View Allजबलपुर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
