
Delta Plus variant
जबलपुर। कोरोना के नए संक्रमितों की संख्या में कमी के बीच प्रदेश में कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट से पीडि़त मरीज मिलने से खतरे की घंटी बज गई है। संक्रमण के घातक स्वरूप के सामने आने के बाद भी शहर में नए वैरिएंट का पता लगाने के लिए जांच नहीं हो रही है। डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर केंद्र सरकार ने प्रदेश सरकार को आगाह किया है। कोरोना संदिग्ध और संक्रमित की जांच को लेकर सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद भोपाल, इंदौर सहित कुछ शहरों से कोरोना मरीजों के नमूनों की रेंडमली जांच नए वैरिएंट का पता लगाने के लिए की गई। लेकिन, जिले में स्वास्थ्य विभाग की नए संक्रमण की जांच को लेकर कोई तैयारी नहीं है।
मरीज कम हुए, नए में भी पुराने लक्षण
वर्तमान में कोरोना के नए मरीजों की संख्या काफी कम है। इनमें ज्यादातर में सामान्य लक्षण हैं। पुराने लक्षण ही अभी मरीजों में मिले हैं। कोई बिल्कुल अलग और असाधारण नए लक्षण पर जीनोम सिक्वेसिंग कराने की जरूरत होती है। रेफर होकर आ रहे मरीजों पर लगातार निगरानी रख रहे हैं। यदि कोई गम्भीर या नए प्रकार का लक्षण संक्रमित में मिलता है, तो उसका नमूना परीक्षण के लिए उच्च स्तरीय लैब में भेजा जाएगा।
- डॉ. संजय भारती, कोविड आइसोलेशन इंचार्ज, एनएससीबी मेडिकल कॉलेज
जीनोम सिक्वेंसिंग से चलता है पता
कोरोना मरीजों में वायरस के प्रकार और मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव की जानकारी के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग का सहारा लिया जाता है। देश में चुनिंदा प्रयोगशाला में ही जीनोम सिक्वेसिंग के परीक्षण की सुविधा है। इसमें पीडि़त के नमूने का सूक्ष्म परीक्षण कर वैज्ञानिक गहन अध्ययन करते हैं। इस बात का पता लगाते हैं कि वायरस के स्वरूप में समय के साथ क्या परिवर्तन हो रहा है? उसकी संक्रामक क्षमता एवं घातक या कमजोर होने और स्वास्थ्य को नुकसान की जानकारी जुटाई जाती है। देखा जाता है कि उसके बदलते स्वरुप से मानव को नुकसान बढ़ रहा है या कम हो रहा है?
बाहर से आने वाले मरीजों की निगरानी जरूरी...
कोरोना की दूसरी लहर कमजोर पडऩे के बाद जैसे-जैसे संक्रमण कम हो रहा है, लोगों की यात्राएं और आवाजाही बढ़ रही है। ऐसे में संक्रमण के नए खतरें से बचने के लिए बाहर से आने वाले लोगों की निगरानी जरुरी हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार भी मानते है कि शहर को कोरोना से सुरक्षित रखने के लिए डेल्टा प्लस मरीजों वाले शहर से आ रहे लोगों को बतौर सावधानी कुछ दिन क्वारंटीन रहना चाहिए। नए वैरिएंट की जांच को लेकर भोपाल से संदिग्धों के मानक तय होने का हवाला दे रहे है। संदिग्ध लक्षण और निर्देश प्राप्त होने पर नए वैरिएंट का पता लगाने के लिए नमूने भेजने की बात कर रहे है।
शहर में...
50 हजार से ज्यादा संक्रमित अभी तक मिल चुके हैं।
02 मरीजों की ही अभी तक जीनोम सिक्वेंसिंग हुई है।
02 नमूनों की जांच में तब नया वैरिएंट नहीं मिला था।
02 लहर में हजारों मरीज में किसी की सिक्वेंङ्क्षसग नहीं हुई।
Published on:
25 Jun 2021 04:13 pm
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