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सेेटेलाइट से कनेक्ट रोवर करेगा भूमि का सीमांकन

जबलपुर में सभी तहसीलों के लिए आएंगी मशीनें, 15 सौ से अधिक प्रकरण लंबित

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The pending cases of demarcation will be settled with satellite based rover machine with TSM machine.

जबलपुर . सीमांकन के लंबित प्रकरणों का निपटारा टीएसएम मशीन के साथ सेटेलाइट आधारित रोवर मशीन से किया जाएगा। अभी एक रोवर मशीन है। जिला प्रशासन ने सभी तहसीलों के लिए इसकी उपलब्धता वाला एक प्रस्ताव शासन को भेजा है। इस मशीन से भूमि का नापजोख जल्दी होने के साथ परिणाम बेहतर होते हैं।

जिले की सभी तहसीलों में भूखंडों के सीमांकन के प्रकरण बढ़ रहे हैं। उनका निराकरण उतनी तेज गति से नहीं हो पा रहा है। इसकी एक वजह ज्यादातर टीएसएम मशीन खराब होना था। लेकिन हाल में एक कंपनी के माध्यम से इनमें सुधार करवा दिया गया है। इसलिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्र की सभी तहसीलों के पास यह मशीन काम कर रही है। इसलिए अब इन प्रकरणों का निपटारा तेजी से करने के लिए कहा गया है। वर्तमान में 15 सौ प्रकरण जिले में लंबित हैं।ज्यादातर में खेत, भूखंड, शासकीय एवं अशासकीय जगहों का सीमांकन टीएसएम मशीन से किया जा रहा है।

शीघ्र निपटरा के लिए रोवर

प्रकरणों के शीघ्र निपटरा के लिए रोवर की जरूरत से शासन को अवगत कराया गया है। अभी जिले में एक रोवर है, उसका इस्तेमाल कई जगहों पर किया जाता है। ऐसे करता है काम रोवर एक रिसीवर मशीन है। यह सेटेलाइट से कनेक्ट रहती है। सेटेलाइट से सिग्नल विजय नगर में सर्वे ऑफ इंडिया के परिसर में लगे कोर्स स्टेशन को मिलते हैं। उनका ट्रांसमिशन रोवर मशीन तक होता है। जहां भी सीमांकन होता है, उसे इस तरह सेट किया जाता है कि बेहतर सिग्नल मिले और सीमांकन हो जाए। जानकारों ने बताया कि रोवर के माध्यम से सीमांकन करने पर सीमांकनकर्ताओं को बार-बार मेढ़ मिलान और चांदा मिलाने की आवश्यकता नहीं होती है। भू अभिलेख कार्यालय ने सभी पटवारी हल्कों के नक्शे और खसरे इसमें प्री लोड कर रखे हैं। जब सीमांकन होता है तो एसएचपी फाइल को लोड किया जाता है।

मझौली में सबसे ज्यादा प्रकरण

जिले में सीमांकन के सबसे ज्यादा लंबित प्रकरण मझौली तहसील में हैं। इनकी संख्या 350 है। शहपुरा, सिहोरा, जबलपुर और गोरखपुर तहसील की हालत भी ठीक नहीं है। प्रशासन सबसे पहले उन प्रकरणों के निपटारे पर ध्यान दे रहा है जो कि तीन माह से लेकर एक वर्ष से लंबित हैं। सूत्रों ने बताया कि जिले में तीन से छह माह की अवधि वाले लंबित प्रकरण 95 से अधिक हैं। वहीं छह माह से एक वर्ष के भीतर वाले प्रकरण 400 हैं। इसमें भी मझौली अव्वल है। इस तहसील में 130 के करीब प्रकरण लंबित पडे़ हैं।

कहां कितने प्रकरण लंबित

तहसील--लंबित प्रकरण

मझौली 350

शहपुरा 255

पनागर 240

जबलपुर 190

सिहोरा 185

गोरखपुर 119

कुंडम 92

पाटन 32

रांझी 29

अधारताल 25

सीमांकन के प्रकरणों का शीघ्र निपटारा हो, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। जिले की सभी तहसीलों की टीएसएम मशीनों को सुधरवाया गया है। पहले उन प्रकरणों का निपटारा किया जा रहा है जो लंबी अवधि से लंबित हैं। इसी प्रकार सभी तहसीलों के लिए रोवर उपलब्ध हो, इसके लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है।

सौरभ कुमार सुमन, कलेक्टर