इसी कड़ी में कैलास धाम से निकली मां नर्मदा गौ सत्याग्रह पद यात्रा। साथ ही स्वच्छता के संकल्प के साथ नर्मदा तट ग्वारीघाट में 11 सौ फीट की चुनरी अर्पित की गई। बता दें कि स्थानीय लोगों यानी जबलपुर, नरसिंहपुर और आसपास के इलाकों के निवासियों में मां नर्मदा को लेकर अपार श्रद्धा है। हो भी क्यों ने इस क्षेत्र ही नहीं बल्कि अगर ये कहा जाए कि मां नर्मदा मध्य प्रदेश की लाइफलाइन हैं तो अतिशयोक्ति न होगी। ऐसे में माता के प्रति अटूट श्रद्धा होना लाजमी है।
ऐसे में मां नर्मदा के जन्मोत्सव के अवसर पर शहर में जगह-जगह पंडाल सजाए जा रहे हैं। माता नर्मदा की प्रतिमाएं स्थापित की जा रही हैं। दरअसल लोगों की मां नर्मदा संग अटूट आस्था जुड़ी है। यही वजह है कि उनके जन्मोत्सव के लिए पूरे शहर में तैयारियां चल रही हैं। रांझी, खमरिया, घमापुर और कांचघर जैसे कई क्षेत्रों में विभिन्ना सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं द्वारा पंडाल लगाए गए है। यहां पर मंच के माध्यम से लोगों को नर्मदा नदी को स्वच्छ बनाए रखने और मां नर्मदा के महत्व को बनाए रखने का आह्वान किया जा रहा है। मां नर्मदा की प्रतिमाएं जिन जगहों पर विराजित की गई है। वहां पर विभिन्न सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इस तरह से पूरे शहर में मां नर्मदा के जन्मोत्सव को लेकर हर्षोल्लास देखने को मिल रहा है। जन्मोत्सव 19 फरवरी को मनाया जाएगा।
शहर के विभिन्न क्षेत्रों में विराजी मां नर्मदा की प्रतिमाओं के लिए बनाए गए पंडालों में सफेद सेवंती के फूलों से श्रृंगार किया जा रहा है। ऐसी मान्यता है कि मां नर्मदा को सफेद रंग पसंद है। जिसके कारण सफेद रंग की सेवंती से साज-सज्जा की जा रही है। जगह-जगह फूलों के ढ़ेर लगे हैं। जहां पर बड़ी संख्या में कार्यकर्ता फूलों की माला तैयार कर रहे हैं।
मां नर्मदा के जन्मोत्सव पर जहां पर शहर में विभिन्ना कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी मेंसारेगामापा विजेता इशिता विश्वकर्मा ने तो मां नर्मदा के लिए खास भजन तैयार किया है, जिसे नर्मदा जन्मोत्सव पर रिलीज किया जाएगा। इसके साथ ही नर्मदा अष्टक पर नृत्य का वीडियो भी 19 फरवरी को इंटरनेट मीडिया पर रिलीज किया जाएगा।