scriptDevotthan Ekadashi: भगवान विष्णु की योग निद्रा पूर्ण, अब मंगल ही मंगल, जानें 2020 की वैवाहिक तिथियां | Devothan Ekadashi Lord Vishnu Maa Tulsi Marriage auspicious time | Patrika News

Devotthan Ekadashi: भगवान विष्णु की योग निद्रा पूर्ण, अब मंगल ही मंगल, जानें 2020 की वैवाहिक तिथियां

locationजबलपुरPublished: Nov 25, 2020 02:21:14 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-Devotthan Ekadashi आज सबसे पहले भगवान विष्णु और तुलसी माता का होगा विवाह

तुलसी विवाह

तुलसी विवाह

जबलपुर. Devotthan Ekadashi: भगवान विष्णु की योग निद्रा पूर्ण। यानी चातुर्मास भी पूर्ण हुआ। इसके साथ ही बुधवार जिसे प्रथमेश यानी श्री गणेश का दिन भी कहा जाता है से सारे मांगलिक कार्य आरंभ हो जाएंगे। वैवाहिक कार्य, यज्ञोपवीत संस्कार, गृह प्रवेश जैसे कार्यों के लिए अब कोई पाबंदी नहीं रही।
जहां तक देवोत्थान एकादशी का सवाल है तो हिंदू पंचांग के अनुसार साल में कुल 24 एकादशी मनाई जाती हैं, जबकि हर माह में 2 एकादशी तिथि आती है, एक कृष्ण पक्ष और दूसरी शुक्ल पक्ष में। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी या देवोत्थान एकादशी, हरि प्रबोधनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस बार यह विशेष तिथि 25 नवंबर को पड़ी है।
मान्यता है कि इस दिन श्रीहरि योग निंद्रा से जागते हैं, यही वजह है कि इसे देवउठनी या देवोत्थान एकादशी कहते हैं। ज्योतिषियों के अनुसार इस एकादशी से मांगलि कार्य शुरू हो जाते हैं। बता दें कि 25 नवंबर को एकादशी तिथि दोपहर 02:42 बजे से शुरू होगी और 26 नवंबर 2020 को 05:10 बजे तक रहेगी। ऐसी मान्यता है कि आषाढ़ शुक्ल एकादशी के दिन भगवान विष्णु योग निद्रा में लीन हो जाते हैं जिसे आम जनमानस में कहा जाता है कि भगवान अब सो गए। फिर कार्तिक मास की एकादशी वाले दिन यानी देवउठनी एकादशी को योग निद्रा पूरी होती है यानी भगवान विष्णु जागते हैं।
शालिग्राम की पूजा
कहा जाता है कि देव के निद्रा में जाने के बाद से विवाह, शुभ कार्य, आदि बंद हो जाते हैं। वहीं देवोत्थान एकादशी को देव निद्रा से जागते हैं इसलिए इस दिन से विवाह आदि मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं। इस दिन सबसे पहले भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है जिस दौरान उन्हें तरह तरह के मौसमी फलों का भोग लगाया जाता है। यहां यह भी बता दें कि देवउठनी एकादशी के दिन ही तुलसी विवाह भी किया जाता हैं।
शुभ विवाह (प्रतीकात्मक फोटो)
अब जानते हैं कि देवोत्थान एकादशी यानी 25 नवंबर से 31 दिसंबर तक कितने वैवाहिक मुहूर्त हैं। मतलब 2020 में किन-किन तिथियों में शहनाई बजेगी। तो यह बता दें कि हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष 2020 में नवंबर और दिसंबर में शादियों के मुहूर्त बहुत कम हैं। अगले साल 2021 में शादियों के मुहूर्त गुरु और शुक्र के अस्त होने की वजह से बहुत कम हैं। दरअसल 17 जनवरी से 15 फरवीर के बीच देव गुरु अस्त हो रहे हैं। इस कारण इस दौरान विवाह का कोई शुभ मुर्हत नहीं बन रहा है। ऐसे में 11 दिसंबर के बाद अप्रैल 2021 में ही विवाह के मुहूर्त बन रहे हैं।
2020 के अंत महीनों के विवाह शुभ मुहूर्त
27 नवंबर, शुक्रवार कार्तिक शुक्ल द्वादशी अश्विनी नक्षत्र
29 नवंबर, रविवार कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी रोहिणी नक्षत्र
30 नवंबर, सोमवार कार्तिक पूर्णिमा रोहिणी नक्षत्र
1 दिसंबर, मंगलवार मार्गशीर्ष कृष्ण प्रतिपदा रोहिणी नक्षत्र
7 दिसंबर, सोमवार मार्गशीर्ष कृष्ण सप्तमी मघा नक्षत्र
9 दिसंबर, बुधवार मार्गशीर्ष कृष्ण नवमी हस्त नक्षत्र
10 दिसंबर, गुरुवार मार्गशीर्ष कृष्ण दशमी चित्रा नक्षत्र
11 दिसंबर, शुक्रवार मार्गशीर्ष कृष्ण एकादशी चित्रा नक्षत्र
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो