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हाईटेक पुलिस की दमदार गाड़ी ‘डायल-100’ का निकल गया दम, पढ़ें पूरी खबर

हाईटेक पुलिस की दमदार गाड़ी ‘डायल-100’ का निकल गया दम, पढ़ें पूरी खबर

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assembly elections 2023

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जबलपुर। शहर के संवेदनशील, सार्वजनिक, रहवासी और शहर के आउटर भागों में लोगों को त्वरित पुलिस सहायता पहुंचाने के उद्देश्य से डायल-100 उपलब्ध कराई गई हैं, जिससे घटना, वारदात, हादसा होते ही सूचना मिलते तत्काल पुलिस पहुंच सके। इस वाहन से लोगों को अस्पताल या फिर थाने पहुंचाया जा सके लेकिन छह वर्ष में ये वाहन खस्ताहाल हो गए हैं। वाहनों के रखरखाव में कमी से ये जल्द वर्कशॉप पहुंच रहे हैं, जिससे उस क्षेत्र में तैनात होने वाली डायल-100 लोगों को मदद नहीं कर पा रही है।

शहर के दो वर्कशॉप में मरम्मत के लिए वाहनों की कतार, मेंटेनेंस का अभाव

निगरानी का अभाव
जानकारों का कहना है कि इन वाहनों में निगरानी का अभाव है। तीन शिफ्ट में किए जाने वाले कार्य के दौरान सिर्फ ड्राइवर के द्वारा वाहन को चलाया गया है। इसके बंद होने पर वर्कशॉप पहुंचा दिया गया है।
वाहनों की जांच नहीं होने से ये खराब होती चली गई हैं। जानकार यह भी कहते हैं कि एजेन्सी के द्वारा मुख्यालय भोपाल से एक सब एजेन्सी के द्वारा इन गाडिय़ों की बैटरी, लाइट और ऑइल की जांच करवाई गई थी लेकिन सब एजेन्सी के करीब ढाई करोड़ फंस गए हैं और उसने काम करना बंद कर दिया।

ये है कार्यशैली
- डायल-100 वाहन में नोडल प्वाइंट के हिसाब से थाने का स्टाफ लगाया जाता है, जिसमें प्रधान आरक्षक सहित सिपाही मौजूद रहता है। इसके अलावा जरूरत पडऩे पर तत्काल कंट्रोल के जरिए पुलिस मदद ली जाती है।
- भोपाल में डायल-100 के सेंट्रल कमांड कंट्रोल सिस्टम के जरिए प्रदेश भर में सूचना जाती है। सूचनाकर्ता के क्षेत्र की डायल-100 को संदेश के साथ लोकेशन भेज दिया जाता है, इससे सूचनाकर्ता की मदद के लिए पुलिस मौके पर पहुंच जाती है।

दो थानों में बदले वाहन- हाल ही में शहर और देहात के दो थानों में डायल-100 को बदला गया है। इन वाहनों की जगह नए वाहन लगाए गए हैं, जिसमें शहपुरा और कुंडम शामिल हैं। इन जगहों पर लगे वाहन इस हालत में नहीं थे कि इन्हें बनवाया जा सके। ये वाहन वर्कशॉप में कई माह से पड़े हुए हैं।

IMAGE CREDIT: Patrika

रिपेयरिंग से बच रही एजेन्सी- डायल-100 सेवा को लेकर मुख्यालय स्तर पर दो बार ठेका हो चुका है, जिसमें किसी भी एजेन्सी आगे नहंी आई है। सूत्र कहते हैं इन वाहनों में सुविधाओं और रेट को लेकर फैसला नहीं हो सका। जानकार कहते हैं कि यह ठेका मार्च में समाप्त होने वाला है, जिससे एजेन्सी इन वाहनों की रिपेयरिंग से बच रही है।

ये हैं डायल-100 के प्वाइंट- शहर सहित देहात के प्रमुख जगहों में से बस स्टैंड, रानीताल चौक, मनखेड़ी, रद्दी चौकी, सतपुला तिराहा, अवधपुरी मोड़, बड़ी ओमती, घोड़ा नक्खास, मैमेरी तिराहा, तिघरा मोड़, होमसाइंस कॉलेज, गुलौआ चौक,घमापुर चौक, नौदरा चौक, दमोहनाका चौक, हाइकोर्ट, कांचघर चौक, मंडी चौक, मालवीय चौक,जोधपुर तिराहा, धनवंतरीनगर, छोटी लाइन चौराहा, कमानिया गेट, कृषि उपज मंडी,रिछाई, पेंटी नाका, अधारताल तिराहा, गौर ब्रिज, पाटन तिराहा, पटेल तिराहा, भेड़ाघाट चौक,बुढ़ागर, प्रतापपुर तिराहा, बचैया तिराहा, करौंदा नाला बायपास, विश्वविद्यालय तिराहा, जलपरी, बिलहरी पेट्रोल पम्प आदि में डायल-100 वाहन खड़े होते हैं। यहां इनका नोडल प्वाइंट हैं, जिनमें क्षेत्रीय थानों की पुलिस मौजूद रहती है।


वाहनों से शहर की चौकसी
प्रदेश में कुल वाहन- 1200
शहर में डायल-100 वाहन- 45
विभिन्न नोडल प्वाइंट- 45
पुलिस स्टॉफ प्रत्येक वाहन में- 02
दो वर्कशॉप में प्रतिमाह पहुंच रहे औसतन- 25 वाहन


एजेंसी पर पेनल्टी
गाडिय़ों में तकनीकी खराब होती हैं। आज 9 गाडिय़ां ऑफ लोड है। सरकार की ओर से एजेन्सी पर पेनाल्टी लगाई जाती है। ठेका होने तक एजेन्सी की समय सीमा नियमानुसार बढ़ाई जा सकती है।
- मनीष राय, प्रभारी (इंस्पेक्टर रेडियो), डायल-100