
Digital Arrest
Digital Arrest: मनी लांड्रिंग के केस का डर दिखाकर जबलपुर के एक बुजर्ग को साइबर ठगों ने शिकार बनाया। कई घंटे तक डिजिटल अरेस्ट कर साइबर ठगों ने 45 लाख रुपए ठग लिए। स्टेट साइबर सेल में शिकायत के बाद मामले की जांच शुरू की गई है। बैंक अकाउंट और मोबाइल नम्बर के आधार पर आरोपियों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। जबलपुर का साइबर ठगी का यह दूसरा बड़ा मामला है। इससे पहले बुजुर्ग दंपती को डिजिटल अरेस्ट बनाकर 56 लाख रुपए ठग लिए गए थे।
जानकारी के अनुसार जगदम्बा कॉलोनी निवासी वीके कपूर (79) को मंगलवार को साइबर ठगों ने निशाना बनाया। सुबह उनके पास फोन आया, कॉल रिसीव करते ही वीडियो कॉल पर आने के लिए कहा और धमकाया कि ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया जाएगा। वीडियो कॉल पर पुलिस की वर्दी और सादे कपड़ों में नजर आने वाले लोगों ने बुजुर्ग को डराना-धमकाना शुरू कर दिया।
साइबर सेल में की गई शिकायत के अनुसार बुजुर्ग को डराकर मोबाइल का कैमरा किसी भी हाल में ऑफ नहीं करने के लिए तैयार कर लिया। इसके बाद फोन करने वाले व्यक्ति ने बताया कि वह खुफिया विभाग से हैं और फिर कहा कि लो डीसीपी से बात करो। फिर उसने कहा कि अभी वह घर पर ही उनकी कस्टडी में हैं, अगर किसी को कुछ बताया तो पुलिस टीम घर पर पहुंचकर गिरफ्तार कर लेगी। बुजुर्ग को पूरी तरह से कब्जे में लेने के बाद आरोपियों ने उनके बैंक अकाउंट डिटेल लिए और जमा रकम के बारे में पूछतांछ की। फिर दो बैंक अकाउंट नम्बर नोट कराते हुए 45 लाख रुपए ट्रांसफर करा लिए।
●जनवरी 2025 बुजुर्ग दम्पती को डिजिटल अरेस्ट कर 56 लाख की ठगी
●जनवरी 2025 बुजुर्ग महिला को डिजिटल अरेस्ट कर 35 लाख की ठगी
●दिसम्बर 2024 बुजुर्ग दम्पती को डिजिटल अरेस्ट कर 12 लाख की ठगी
पुलिस ने बताया कि बुजुर्ग कपूर ने मंगलवार से गुरुवार के बीच यह 45 लाख रुपए ट्रांसफर किए। आरोपियों के चंगुल से छूटने के बाद उन्होंने परिवार को सूचना दी और परिचितों को भी बताया। तब साइबर ठगी के बारे में उन्हें समझ आया। परिवार ने इसकी शिकायत की है। पुलिस मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट के माध्यम से आरोपियों का पता लगा रही है।
पुलिस ने बताया कि साइबर ठगों ने बुजुर्ग को इस हद तक डराया कि उन्हें किसी से भी मिलने की इजाजत नहीं दी। बार-बार यही दोहराते रहते थे कि उनके मोबाइल नम्बर और बैंक अकाउंट का इस्तेमाल मनी लांर्ड्रिंग में किया गया है। साथ ही यह भी झांसा दिया कि उनके फोन से कुछ लोगों को अश्लील कॉल किए गए हैं और ऐसी ढेरों शिकायत उनके पास पहुंची है। अगर केस को उनके कहे अनुसार नहीं निपटाया तो जमानत तक मुश्किल हो जाएगी और परिवार के अन्य सदस्य भी इसके लपेटे में आएंगे। बुजुर्ग वैसा ही करते रहे जैसा साइबर ठग कह रहे थे।
किसी भी तरह के मामले में फोन या वीडियो कॉल करने को एजेंसियां नहीं कहती हैं। इसलिए ऐसे कॉल आएं तो घबराएं नहीं, बल्कि साइबर हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें। शिकार बनने के बाद जितना जल्दी शिकायत करेंगे, ठगी की रकम मिलने की संभावना ज्यादा रहेगी।
Updated on:
19 Jul 2025 12:32 pm
Published on:
19 Jul 2025 11:42 am
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