अनुसार बैकिंग की गई बिजली कब वापस होगी, इसका शेड्यूल पूरी तरह से तय होता है। लेकिन यदि प्रदेश में एकाएक डिमांड बढ़ी, तो तय शेड्यूल के पूर्व भी बैंकिग की गई बिजली वापस ली जा सकती है। बिजली की मांग ने 28 जनवरी 2020 को मांग का रिकॉर्ड तोड़ा था।
बैंकिंग से मिली बिजली
31 दिसम्बर 2019 प्रदेश में बिजली की मांग 14326 मेगावॉट
बिजली बैंकिंग से – 2282 मेगावॉट
28 जनवरी 2020 को प्रदेश में बिजली की मांग 14415 मेगावॉट
बिजली बैंकिंग से-1,973 मेगावॉट
बैंकिंग एक नजर में
बैकिंग की जाती है- मार्च से अक्टूबर तक, वापसी- नवम्बर से फरवरी अंत तक, यहां की जा रही हैं बैंकिंग- उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब और छत्तीसगढ़
इस वर्ष बैंकिंग- 450 करोड़ यूनिट लगभग
28 जनवरी को कहां कितनी थी मांग
मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी (इंदौर व उज्जैन सम्भाग) 6,030 मेगावॉट
मप्र मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी (भोपाल व ग्वालियर सम्भाग) 4,672 मेगावॉट
मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी (जबलपुर सागर व रीवा सम्भाग) 3,713 मेगावॉट