त्योहार के सीजन में यात्रियों समेत नौकरीपेशा और अपडाउनर्स परेशान
पर्याप्त बसें न ट्रेनों में मिल रही जगह
कन्फर्म टिकट नहीं, तो यात्रा भी नहीं
कोरोना संक्रमण के चलते बदले हालातों में अब ट्रेनों में केवल कन्फर्म टिकट वाले यात्रियों को ही यात्रा का अवसर मिल पा रहा है। इसके अलावा ट्रेनों में सामान्य श्रेणी के कोच नहीं है। जिस कारण आसपास जाने वाले यात्रियों, अपडाउनर्स, नौकरीपेशा और छात्रों की मुसीबतें बढ़ गई है।
कार्रवाई, फिर भी अधिक किराया
बसों में यात्रा के लिए लोगों को मशक्कत करना पड़ रही है। इतना ही नहीं बस ऑपरेटर्स यात्रियों से अधिक किराया वसूल रहे हैं। हाल ही में हुई कार्रवाई का भी बसों पर कोई असर नहीं दिख रहा है।
टैक्सी चालक वसूल रहे अधिक किराया
बसों या टे्रन में जगह नहीं मिलने की स्थिति में लम्बी दूरी की यात्रा करने वाले टैक्सी या अन्य साधनों का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें आठ से दस गुना तक अधिक किराया देना पड़ रहा है।
मुख्य रेलवे स्टेशन पर नहीं मिल रहे टिकट
मुख्य रेलवे स्टेशन और आईएसबीटी का दृश्य बुधवार को कोरोना संक्रमण के पूर्व के दिनों की तरह नजर आया। मुख्य रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को टिकट विंडो से न तत्काल का टिकट मिल रहा है और न ही आधे घंटे पहले रिजर्वेशन वाली व्यवस्था में टिकट मिल पा रहे हैं। इससे कई यात्रियों ने यात्रा रद्द कर दी तो कई अन्य साधनों से रवाना हुए।
हाल ही में दी थी व्यवस्था- रेलवे ने हाल ही में यह व्यवस्था की है कि किसी भी ट्रेन के रवाना होने के आधा घंटा पूर्व तक उसका रिजर्वेशन टिकट स्टेशन के रिजर्वेशन काउंटर से प्राप्त किया जा सकता है। इसे ध्यान में रखकर बुधवार को कई यात्रियों ने उक्त व्यवस्था के तहत टिकट प्राप्त करना चाहा, लेकिन अधिकतर टिकट ऑनलाइन बुक होने से उन्हें टिकट नहीं मिल सके।
विंडो से नहीं मिल रहा तत्काल टिकट
तत्काल टिकट की आस में पहुंचे यात्रियों को विंडो खुलने के चंद मिनट बाद ही पता चला कि तत्काल टिकट भी खत्म हो गए। जानकारी के अनुसार यात्रियों ने ऑनलाइन तत्काल टिकट बुक करा लिए हैं, जिस कारण विंडो से भी टिकट नहीं मिल रहा है।
अधिकतर ट्रेनों में नो रूम
मुख्य रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन दस ट्रेनें विभिन्न रेलवे स्टेशनों के लिए रवाना होती हैं, वहीं दस यहां टर्मिनेट होती हैं। इसके अलावा प्रतिदिन 50 से अधिक ट्रेनें मुख्य रेलवे स्टेशन से गुजरती हैं। रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार लगभग 40 प्रतिशत ट्रेनों में नो रूम की स्थिति है, वहीं अधिकतर में वेटिंग है। टिकट कन्फर्म होने पर ही वेटिंग टिकट धारकों को यात्रा करने मिलेगी। ऐसे में वेटिंग टिकट लेने वाले यात्रियों को दोहरी परेशानी झेलनी पड़ रही है।