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जबलपुर, फाल्गुन शुक्ल पक्ष 10 मार्च को विनायकी चतुर्थी के व्रत उपासना का विशेष संयोग है। इस बार रविवार को पडऩे वाली चतुर्थी का नाम मनोरथ चतुर्थी है। प्रथम पृज्य प्रसन्न होते है तो भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। मनोरथ चतुर्थी होने के कारण उपासना और कल्याणकारी होगी। संस्कारधानी के भगवान गणेश मंदिरों में विशेष अनुष्ठान की तैयारियां की जा रही है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार विनायकी चतुर्थी के व्रत साधना से संतान प्राप्ति एवं उनकी भाग्योन्नति की कामना पूर्ण होती है।
ज्योतिर्विद जनार्दन शुक्ला के अनुसार मनोरथ नाम की चतुर्थी में आराधना ज्यादा फलदायी होगी। सूर्योदय से रात्रि 1.16 बजे तक चतुर्थी रहेगी। इस दिन भगवान गणेश का 21 दुर्वा दल से पूजन, 21 मोदक का भोग, गणपति अथर्वशीर्ष पाठ, संकट मोचन गणपति स्तोत्र पाठ पुण्यकारी होता है। सनातन पंचांग के प्रत्येक माह कृष्ण पक्ष में गणेश चतुर्थी और शुक्ल पक्ष विनायकी चतुर्थी होती है। विभिन्न प्रकार की मनोकामना पूर्ति के लिए प्रथम पूज्य की पूजा के अलग-अलग विधान हैं।
एेसे करें साधना
-सुख-समृद्धि के लिए गुण मिश्रित हवन करे
ं-कर्ज से मुक्ति के लिए ऋणहर्ता संकट हरण पाठ करे
ं-संकट से मुक्ति के लिए संकट मोचन पाठ स्तोत्र पाठ करे
ं-लक्ष्मी प्राप्ति के लिए गणपति लक्ष्मी स्तोत्र पाठ करे
ंसंतान सुख का पयो व्रत शुरू
श्रीमद् भागवत ग्रंथ के अनुसार फाल्गुन शुक्ल पक्ष में १२ दिन का पयो व्रत करने पर संतान को सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। ऋषि कश्यप ने देवमाता को इस व्रत की सलाह दी थी। व्रत के प्रभाव से देव माता के गर्भ से भगवान बावन ने अवतार लिया। संस्कारधानी के श्रद्धालु भी इस व्रत से पुण्य अर्जित कर रहे हैं। ६ मार्च से शुल्क पक्ष प्रारंभ हो गया है। पयो व्रत में सिर्फ दूध आहार को ग्रहण स्तुति-आराधना की जाती है। पयो व्रत में भगवान विष्णु और साक्षात देव सूर्य की साधना की जाती है।
Published on:
08 Mar 2019 08:14 pm
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