9 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

electricity demand: एमपी में बढ़ गइ बिजली की इतनी मांग, चौंका देंगे ये आंकड़े

एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी ने घरेलू बिजली को लेकर की यह बात उजागर

2 min read
Google source verification
Losses of Rs 9000 crore by buying five rupees expensive electricity

Losses of Rs 9000 crore by buying five rupees expensive electricity

जबलपुर। एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी ने प्रदेश में घरेलू बिजली के उपयोग और उसमें बढ़ोतरी को लेकर नइ जानकारी उजागर की है। कंपनी के नए आंकड़े बेहद चौंकाने वाले है। कंपनी ने मंगलवार को पिछले और मौजूदा वित्त वर्ष के बिजली खपत का ब्योरा साझा किया। इसके मुताबिक प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2017-18 में वित्तीय वर्ष 2016-17 की तुलना में 492 करोड़ यूनिट अधिक बिजली की आपूर्ति की गई। रबी सीजन में भी बिजली के उपयोग में काफी इजाफा हुआ है। बिजली की इस बढ़ती मांग को पूरा करना कंपनियों के लिए चुनौती बन गया है।

चुनिंदा राज्यों में मप्र
मध्यप्रदेश में वित्तीय वर्ष 2017-18 में वित्तीय वर्ष 2016-17 की तुलना में करीब आठ प्रतिशत अधिक बिजली की आपूर्ति हुइ है। वहीं, बीते रबी सीजन में प्रदेश में पिछले रबी सीजन की तुलना में 260 करोड़ यूनिट अधिक बिजली सप्लाई की गइ। यह भी सात प्रतिशत अधिक है। इसके साथ मध्यप्रदेश उन चुनिंदा राज्यों में से एक है, जहां गैर कृषि कार्य के लिए 24 घंटे व कृषि कार्य के लिए 10 घंटे सतत् व गुणवत्तापूर्ण बिजली सप्लाई की जा रही है।

6917 करोड़ यूनिट सप्लाई
एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध संचालक संजय कुमार शुक्ल के अनुसार वित्तीय वर्ष 2017-18 में प्रदेश में 6917 करोड़ यूनिट बिजली की सप्लाई की गइ, वहीं वित्तीय वर्ष 2016-17 में 6425 करोड़ यूनिट बिजली की सप्लाई हुइ थी।

रबी सीजन में 3852 करोड़ यूनिट
कंपनी के एमडी के अनुसार प्रदेश में इस रबी सीजन में (अक्टूबर, 2017 से मार्च, 2018 तक) 3852 करोड़ यूनिट बिजली सप्लाई हुइ। पिछले रबी सीजन में इस दौरान 3592 करोड़ यूनिट बिजली सप्लाई की गई।

अधिकतम मांग हुइ इतनी
एमडी ने बताया कि वित्तीय वषज़् 2017-18 में प्रदेश में बिजली की अधिकतम मांग दिसंबर माह में 12,240 मेगावाट दर्ज हुइ। वित्तीय वर्ष 2016-17 में बिजली की अधिकतम मांग 11,421 मेगावाट दर्ज हुई थी। इस प्रकार बिजली की अधिकतम मांग में 819 मेगावाट की बढ़ोत्तरी हुई, जो कि सात प्रतिशत अधिक है।

जीवन स्तर में विकास
कंपनी के अधिकारियों के अनुसार वर्तमान में सौभाग्य योजना के अंतर्गत प्रत्येक घर को बिजली का कनेक्शन प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में घरेलू बिजली की खपत में वृद्धि होना इस बात का संकेत है कि प्रदेश के नागरिकों के जीवन स्तर में भी बिजली के कारण विकास हो रहा है।