नाट्य मंचन में पर्यावरण और ताल तालाबों के सरंक्षण और उन्हें स्थापित करने के लक्ष्य पर भी बात कही गई। रानी के जीवन से मिलने वाली महिला सशक्तिकरण की मिसाल मंच पर जीवंत हुई। मंचन को गोंडकाल की ओर ले जाने के लिए शानदार रूप सज्जा और लोकनृत्यों की प्रस्तुति भी बेमिसाल रही। युद्ध के समय का दृश्य भी बखूबी दिखाया गया, जिसमें मार्शलआर्ट कल्लरीपयट्टू का इस्तेमाल किया गया।