सुबह शहर में तो शाम को ग्रामीण क्षेत्रों में वाहन चलाना खतरनाक, इस डेथ ऑवर्स में होते हैं सबसे अधिक एक्सीडेंट
-ट्रैफिक विभाग ने सात महीने में हुए हादसे के अनुसार निकाली हादसों की टाइमिंग

जबलपुर। सडक़ हादसों की भी टाइमिंग होती है। सुनने में अटपटा और असामान्य लगेगा, लेकिन ट्रैफिक विभाग के आंकड़े इसकी गवाही करते हैं। शहरी क्षेत्र में जहां सबसे खतरनाक टाइमिंग सुबह छह से नौ बजे के बीच का है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में शाम छह से रात नौ बजे के बीच वाहन चलाना सबसे खतरनाक होता है। ट्रैफिक विभाग ने इसे डेथ आवर्स के रूप में चिन्हित किया है। आंकड़ों के विशलेषण से ये पता चला है कि शहरी क्षेत्र में जहां सुबह लोगों की काम-धंधे में निकलने की जल्दी होती है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में शाम को लोग बाजार या अन्य कारणों से निकलते हैं। लौटते समय सडक़ों पर अंधेरा होने पर हादसे होते हैं।
आंकड़ों से समझे हादसों कों-
मौत-210
घायल-1747
हादसा-1613
---
शहरी क्षेत्र में हुए हादसे-879
गम्भीर हादसे-75
मौत-81
गम्भीर घायल-109
सामान्य चोट-720
--------
ग्रामीण क्षेत्र में हुए हादसे-525
गम्भीर हादसे-97
मौत-105
गम्भीर घायल-80
सामान्य चोट-496
ट्रैफिक विभाग ने जनवरी से 31 जुलाई के बीच हुए सडक़ हादसों की शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के अनुसार जो आंकड़ा तैयार किया है, वो चौंकाने वाला है। ट्रैफिक विभाग ने 24 घंटे को तीन-तीन घंटे के जोन में बांट कर हादसों का विश£ेषण निकाला तो तस्वीर वाहन चालकों को सावधान करने वाली निकली। अक्सर हम घर से कार्यालय निकलते समय लेट निकलते हैं और फिर टाइमिंग के चक्कर में ओवरस्पीड में वाहन चलाते हैं। इस कारण हादसे होते हैं।

शहरी क्षेत्र में सुबह छह से नौ का समय खतरनाक-
शहरी क्षेत्र में सुबह छह बजे से नौ बजे के बीच में कुल 204 हादसे हुए। इसमें 15 लोगों की जहां मौत हो गई। वहीं 19 गम्भीर घायल हुए। 24 घंटे की टाइमिंग में सबसे अधिक हादसे इसी तीन घंटे के बीच हुए। सुबह नौ से दोपहर 12 बजे के बीच 151 हादसे हुए। इसमें 17 लोगों की जान गई तो 18 गम्भीर घायल हुए। शहर में रात 12 से सुबह छह बजे के बीच महज तीन हादसे हुए।
आंकड़ों से समझें-
टाइम-कुल हादसा-मौत-घायल
सुबह 6.00 से 9.00 बजे तक-204-15-19
सुबह 9.00 से दोपहर 12.00 बजे तक-151-17-18
दोपहर 12.00 से 3.00 बजे तक-137-08-16
दोपहर 3.00 से शाम 6.00 बजे तक-145-10-25
शाम 6.00 से रात 9.00 बजे तक-143-13-14
रात 9.00 से 12.00 बजे तक-82-15-16
रात 12.00 से 3.00 बजे तक-17-03-01
रात 3.00 से सुबह 6.00 बजे तक-00-00-00
ग्रामीण क्षेत्र में शाम छह से रात नौ का समय खरनाक-
ग्रामीण क्षेत्र में शाम छह से रात नौ बजे के बीच का समय अधिक खतरनाक है। इस टाइम अवधि में सबसे अधिक 134 सडक़ हादसों में 23 लोगों की मौत हुई है। जबकि 14 लोग गम्भीर रूप से घायल हुए। सुबह छह से नौ बजे के बीच मेें हादसे जरूर 54 हुए, लेकिन इसमें मरने वालों की संख्या 20 है। ग्रामीण क्षेत्रों में रात नौ से सुबह छह बजे का समय सबसे सुरक्षित है।
आंकड़ों से समझें-
टाइम-कुल हादसा-मौत-घायल
सुबह 6.00 से 9.00 बजे तक-54-20-13
सुबह 9.00 से दोपहर 12.00 बजे तक-109-17-14
दोपहर 12.00 से 3.00 बजे तक-93-17-21
दोपहर 3.00 से शाम 6.00 बजे तक-86-11-11
शाम 6.00 से रात 9.00 बजे तक-134-23-14
रात 9.00 से 12.00 बजे तक-29-09-04
रात 12.00 से 3.00 बजे तक-12-07-00
रात 3.00 से सुबह 6.00 बजे तक-08-01-03
वर्जन-
हादसों की टाइमिंग सामने आने के बाद लोगों को जागरुक करने की कोशिश करेंगे कि वे डेथ ऑवर्स में सम्भल कर वाहन चलाए। इसके लिए स्वयं सेवी संगठनों से भी अपील है कि वे भी सडक़ जागरुकता में इस विषय को शामिल करें।
अगम जैन, एएसपी ट्रैफिक
अब पाइए अपने शहर ( Jabalpur News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज