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बिना नंबर के दौड़ रहे डम्पर-हाइवा

locationजबलपुरPublished: Sep 14, 2020 08:16:52 pm

Submitted by:

manoj Verma

रात होते ही की नंबर प्लेट गायब, पुलिस का खौफ नहीं

Dumper-hiva running without number

रात होते ही की नंबर प्लेट गायब, पुलिस का खौफ नहीं

जबलपुर. नो-एंटी खुलते ही रात में निर्माण सामग्री ढोने वाले डम्पर-हाइवा बेलगाम हो रहे हैं। तेज गति से दौडऩे वाले इन वाहनों में नंबर प्लेट ही नहीं रहती है, जिससे इसकी पहचान हो सके। एक्सपोज रिपोर्टर ने नाइट एेट में यह पाया है कि यातायात का नियम तोडऩे वाले इन वाहन चालकों को पुलिस का खौफ नहीं है। जानकार कहते हैं कि जल्दबाजी और सूनेपन में तेज गति से चलाने वाले ये वाहन चालक दुर्घटना होते ही रफ्ूचक्कर हो जाते हैं, नंबर नहीं होने से इनकी पहचान नहीं हो पाती है।
शहर के आसपास से गिट्टी, मलबा, हार्डमुरम और रेत का परिवहन रात के समय अधिकतर किया जा रहा है। यह परिवहन डम्पर, हाइवा और पुराने ट्रकों से किया जा रहा है। पुराने ट्रकों में ईंट सप्लाई की जाती है लेकिन अन्य मटेरियल की सप्लाई के लिए डम्पर और हाइवा हैं। नो-एंट्री खुलते ही ज्यादातर वाहन तिलवाराघाट, भेड़ाघाट, पनागर, कटंगी की ओर से आते हैं। लोकल परिवहन रात दस बजे के बाद से सुबह करीब पांच-छह बजे तक किया जाता है।
वाहन के पहिए के पास जलता है बल्ब

भवन निर्माण सामग्री गिट्टी, रेत, मुरम आदि की रात के समय सप्लाई करने वाले डम्पर और हाइवा में पीछे पहिए के पास एक तेज लाइट का बल्ब जलता रहता है। लाइट की वजह से पीछे से आने वाले वाहन चालक भ्रम की स्थिति में रहते हैं। वाहन के पीछे बल्ब जलने की वजह से वाहन चालकों को ओवरटेक करने में सर्वाधिक परेशानी होती है।नहीं रहती है नंबर प्लेटइन वाहनों में नंबर प्लेट ही नहीं रहती है। वाहन के किसी भी भाग में नंबर तक नहीं लिखा रहता है। दिखाने के लिए नंबर प्लेट लगी रहती है जिस पर मिट्टी आदि लगी रहती है। वाहनों के आगे भी नंबर प्लेट की यही स्थिति रहती है। इन वाहनों में नंबर प्लेट टूटी हुई रहती है या फिर उसमें रजिस्ट्रेशन नंबर लिखा ही नहीं रहता है।
कोर्डवर्ड में गाडी का नाम : भवन निर्माण सामग्री विक्रेताओं का कहना है कि ये गाड़ी कोड वर्ड पर पहचानी जाती है। इन वाहनों में कम्पनी का नाम अंग्रेजी में कोडवर्ड में लिखा होता है या फिर कम्पनी के सारे वाहनों में एक ही अंग्रेजी या हिन्दी की शब्दावली रहती है, जिसे वाहनों में लिखा जाता है।
ये था हाल
मेडिकल

मेडिकल के सामने रात करीब १.३० बजे पुलिस का पेट्रोलिंग वाहन था। यहां पुलिस चाय की दुकान पर लोगों से पूछताछ कर रहे थे। पुलिस के सामने से दो हाइवा निकले। इन हाइवा में आगे और पीछे दोनों जगहों पर नंबर प्लेट नहीं थी। वाहन के पीछे बल्ब जल रहा था। वाहन में रेत भरी हुई थी।
शाहनाला
तिलवाराघाट रोड पर शाहनाला के समीप रात करीब १.५५ बजे तिलवाराघाट की ओर से रेत से भरा हाइवा आ रहा था। हाइवा की रफ्तार ब्रिज के पास कम हुई। गड्ढा होने की वजह से वाहन में झटका पड़ा। चालक ने वाहन रोका और वाहन चैक किया और चलता बना। वाहन में नंबर प्लेट ही नहीं थी।
सगड़ा
सगड़ा से मेडिकल आने वाली सडक़ पर रात करीब २.३० बजे रेलवे लाइन पार करते ही सडक़ पर बैठे मवेशियों को हटाने के लिए हाइवा से कन्डेक्टर नीचे उतारा और उसके बाद जानवरों को भगाने के बाद फिर वाहन लेकर चलता बना। इस वाहन में पीछे बल्ब जल रहा था। नंबर प्लेट नहीं थी।
– वाहनों की जांच करने का काम यातायात करता है। फिटनेस के दौरान हमें सभी मापदंड वाहन में पूरा मिलते हैं। हमारी कोशिश रहेगी कि संयुक्त रूप से कार्रवाई की जाए।

संतोष पॉल, आरटीओ
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