पुलिस और जिला प्रशासन हालांकि लोगों को भीड़ न लगाने की हिदायत देती रही लेकिन लोग माता के दर्शनों को निकलते रहे। विसर्जन स्थलों पर भी भक्तों की भीड़ देखी गई। दूसरे दिन मंगलवार को भी माता का विसर्जन हो रहा है। दशहरा पर पारंपरिक दशहरा चल समारोह इस बार नहीं निकाला गया। नियमों के तहत कई जगहों पर माता की प्रतिमाओं की स्थापना न करते हुए केवल घट स्थापना की गई। इसके बावजूद लोग माता के दर्शनों को हजारों की संख्या में सडक़ पर निकल पड़े।
शहर की सबसे पहली प्रतिमा हनुमानताल में नगर जेठनी कोष्टी मंदिर की माई की हुई। इसके बाद माता के विसर्जन का सिलसिला शुरू हो गया। भटौली कुंड, तिलवारा विसर्जन कुंड में बड़ी संख्या में दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन क्रम देर रात तक चलता रहा।