जबलपुर। केंद्र के ड्रीम प्रोजेक्ट पर लेटलतीफी का साया मंडराने लगा है। 25 जून तक स्मार्ट सिटी का कार्य शुरू कराने की घोषणा कर चुके शहरी विकास मंत्रालय के सामने लक्ष्य पूरा करने की चुनौती है। इसे पूरा करने के लिए शहरी विकास मंत्रालय ने स्मार्ट सिटी में चयनित देश के टॉप आठ शहरों की जिम्मेदारी तय की है। शुक्रवार को दिल्ली में आयोजित समीक्षा बैठक में प्रदेश से सिर्फ जबलपुर सहित देश के आठ शहरों के निगम कमिश्नरों ने बताया कि वे कौन-कौन से काम शुरू करने की स्थिति में है।
मई तक यह कार्य करने का दावा
ई-मोबाइल गवर्नेंस- नगर निगम कमिश्नर वेदप्रकाश ने बैठक में बताया कि इससे निगम अधिकारियों की कार्यप्रणाली बेहतर होगी। कार्यों की गति बढ़ेगी। कौन से अधिकारी कब कार्यालय पहुंच रहे हैं, कब क्षेत्र में जा रहे हैं। सब कुछ पता चलेगा। मोबाइल पर ही आदेश-निर्देश के साथ महत्वपूर्ण ऑर्डर तक जारी किए जाएंगे।
डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन- स्मार्ट सिटी में शामिल राइट टाउन, नेपियर टाउन, गोलबाजार, रानीताल क्षेत्र के तीन वार्डों में 10-10 कर्मियों को ठेले के साथ लगाकर डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन मई में शुरू कराया जाएगा। अभी यह कार्य निगम के सफाईकर्मी करेंगे।
साइनेक्स- स्मार्ट सिटी में कौन से क्षेत्र शामिल हैं। इसे दर्शाने के लिए चारों तरफ श्राइनबोर्ड लगाए जाएंगे। इससे स्मार्ट सिटी का 743 एकड़ का क्षेत्रफल निर्धारित कर दिया जाएगा।
जे-कार्ड- जबलपुर स्मार्ट कार्ड के नाम से तैयार हो रहे इस मल्टीपरपज कार्ड का टेंडर हो चुका है। मुम्बई की कंपनी ने काम भी संभाल लिया है। ट्रॉयल सफल हो चुका है। इस कार्ड से मेट्रो बसों में सफर के साथ पार्र्किंग, टैक्स भुगतान आदि की सुविधा मिलेगी।
कठौंदा बिजली प्लांट- 12.5 मेगावाट कचरे से तैयार होने वाली बिजली का संयंत्र कठौंदा में तैयार हो चुका है। 25 मई से पहले यह चालू हो जाएगा। सॉलिड बेस्ट मैनेजमेंट की दिशा में यह बड़ा कदम होगा।
शौचालय निर्माण- शहर में 25 हजार निजी शौचालय बन चुके हैं। 50 के लगभग सामुदायिक शौचालय बनकर तैयार होने वाले हैं। देश में जबलपुर की उपलब्धि सर्वाधिक है।