दरअसल सदर कैंट इलाके का 6 लाख से ज्यादा बिजली बिल बकाया था। बिजली विभाग ने बिल भी भेजा लेकिन नगर निगम आदतन गहरी नींद सोता रहा। नतीजतन बिजली विभाग ने इलाके के नगर निगम के विद्युत कनेक्शनों से आपूर्ति ठप कर दी। यहां यह भी बता दें कि आम तौर पर इस मौसम में हर जगह इस तरह की कार्रवाई होती है। नगर निगम भी अन्य सरकारी भवनों से गृह कर व जलकर के लिए नोटिस जारी करता है। बाद में शासन स्तर पर समायोजन हो जाता है।
वैसे बिजली विभाग की कार्रवाई के चलते सदर इलाके में स्ट्रीट लाइट भी बंद हो गई है। इसके अलावा बर्न कंपनी से लगी सड़क भी अंधेरे में डूब गई है। इतना ही नहीं बिजली विभाग,नगर निगम के गढ़ा जोन की भी आपूर्ति बंद कर चुका है जिसके चलते विभाग का कामकाज ही प्रायः ठप सा हो गया है। बिजली न होने से कंप्यूटर बंद पड़े है। इससे सारे काम बंद हो गए है।
इसके अलावा पानी की सप्लाई को लेकर भी ऐसा ही किया गया है। विभाग ने पानी की सप्लाई करने वाले सार्वजनिक पंपों की भी सप्लाई बंद की है। अधिकारियों का कहना है कि उनके सामने राजस्व जुटाने की मजबूरी है। शासन स्तर पर इसके लिए लगातार दवाब बन रहा है इसलिए सार्वजनिक सुविधाओं को भी नहीं छोड़ा जा रहा है।
नगर निगम की तरफ से समय पर भुगतान नहीं करने को लेकर राजस्व की कमी बताई जा रही है। उन्होंने कहा कि फंड की कमी के कारण ही कई विकास से जुड़े कार्य भी निगम प्रशासन को रोकने पड़े है। वहीं अन्य खर्चो में कटौती की गई है।
“सदर कैंट इलाके का 6 लाख से ज्यादा बिजली बिल बकाया होने के कारण बिजली सप्लाई बंद की गई है। जहां भी बकाया है उनके खिलाफ बिजली काटने की कार्रवाई हो रही है।”-नीरज परस्ते, कार्यपालन अभियंता नगर संभाग पूर्व