
Rajasthan electricity Crisis: राजस्थान में बिजली संकट का 9वां दिन..10 दिन और रह सकता है!
जबलपुर। नए साल के स्वागत में भले ही लोग खुशहाली की कामना कर रहे हैं लेकिन सरकार एक बार फिर उन्हें महंगाई की ओर ले जाने वाली है। नए साल में बहुत जल्द महंगी बिजली का तोहफा मिल सकता है। सरकार चुनावों के चलते अभी तक रुकी हुई थी, चूंकि चुनावों का मौसम अब काफी दूर चला गया है ऐसे में महंगी बिजली करने की कवायद एक बार फिर से शुरू हो गई है।
पंचायत चुनाव को देखते हुए सरकार ने बिजली दर बढ़ाने को लेकर चुप्पी साध रखी थी। चुनाव निरस्त होने के बाद मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने याचिका को सार्वजनिक कर दिया है। इसमें घरेलू बिजली दर 9.97 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव है। विद्युत नियामक आयोग ने आमजन से 21 जनवरी तक अपत्ति मांगी है।
बिजली मामलों के जानकार सेवानिृत्त मुख्य अभियंता राजेंद्र अग्रवाल ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए कम्पनी ने याचिका में सबसे ज्यादा कृषि में 10.61 प्रतिशत बिजली के दाम बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। इसके बाद घरेलू बिजली 9.91 प्रतिशत, वाणिज्यिक बिजली 4.44 प्रतिशत और निम्न दाब उद्योग के लिए 5.11 प्रतिशत बिजली के दाम बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। आयोग याचिका पर आठ और 10 फरवरी को जनसुनवाई करेगा। अग्रवाल ने बताया कि अन्य राज्यों की तुलना में मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा महंगी बिजली दी जा रही है। जबकि, यहां खपत से ज्यादा बिजली के उत्पादन का दावा किया जा रहा है। यहां कोयला और पानी प्रचुर मात्रा में होने के बावजूद बिजली के दाम बढ़ाना आम जनता से धोखा है। उन्होंने कहा कि कम्पनी को दाम बढ़ाने के बजाय खर्च कम करना चाहिए।
Published on:
01 Jan 2022 03:28 pm
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