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जबलपुर। तकनीकी छात्रों के लिए शासकीय क्षेत्र में गर्वनमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज में आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस एवं मैक्ट्रानिक्स के छात्र अब एलेक्सा, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, मशीन लर्निंग सहित कोडिंग जैसे भविष्य के विषयों पर रिसर्च करेंगे। जेइसी में अब अत्याधुनिक लैब की सुविधा शुरू हो गई है। छात्र यहां एडवांस गुर सीख सकेंगे। उल्लेखनीय है कि शासकीय क्षेत्र में प्रदेश में एकमात्र जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में ही यह कोर्स संचालित किया जा रहा है।
वर्क स्पेस की कमी से अटका था निर्माणजबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में इन कोर्स के लिए वर्कस्पेस की कमी के कारण लैब का निर्माण नहीं हो पा रहा था। जेईसी में नया भवन तैयार होने के साथ ही अब एआई- मैक्ट्रानिक्स विषय के प्रेक्टिकल से लेकर डेटा एनालिसिस करने जैसी सुविधाएं छात्रों को उपलध हो सकेंगी। अत्याधुनिक लैब के माध्यम से किसी डिवाइस को तैयार करने उसके परीक्षण एवं अन्य कार्यों में मदद मिलेगी।
इंटेंलीजेंस लॉजिक का हो सकेगा उपयोग
इंटरनेट ऑफ थिंग्स अर्थात आईओटी लैब का निर्माण किया गया है। लैब में विभिन्न तरह के सेंसर, वायरलैस उपकरण, कैमरे आदि लगाए गए हैं। इसके माध्यम से एलैक्सा, डिजीसी जैसे उपकरणों में छात्र प्रयोग कर सकेंगे। इसी तरह एआई मशीन लर्निंग एंड डीप लर्निंग लैब से सॉफ्टवेयर में कोडिंग जैसे कार्य सीख सकेंगे।
बीटेक के साथ पहला पाठयक्रमबीटेक के साथ एआई और मैक्ट्रानिक्स का फ्यूशन कर तैयार किया गया यह पहला पाठयक्रम है जिसे डॉयरेक्टर ऑफ टैक्नीकल एजुकेशन ने जेईसी में शुरू किया है। निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों में यह कम्प्यूटर साइंस इन इंजीनियरिंग से कनेक्ट कर शुरू किया गया है। इसकी उपयोगिता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पहले ही चरण की काउसंलिग में सीटें फुल हो जाती हैं।
बाहर जाने की नहीं जरूरत
विशेषज्ञ एवं एचओडी प्रोफेसर अज्ञा मिश्रा कहती हैं कि अब तक नेशनल एवं इंटरनेशनल कंपनियां का रुझान हैदराबाद, बेंगलूरु जैसे शहरों तक सीमित था। अब शहर में ही आधुनिक पढ़ाई की व्यवस्था उपलब्ध है। जबलपुर में तकनीकी रूप से सिक्ल्ड छात्र कंपनियों को मिल सकेंगे। मल्टीनेशनल कंपनियां भी जबलपुर से ही छात्रों का चयन कर सकेंगी।
एडवांस टेक्नॉलाजी की पढ़ाई को लेकर अत्याधुनिक लैब तैयार कर ली गई है। इसके माध्यम से छात्रों को तकनीकी रूप से तैयार किया जा सकेगा। इस क्षेत्र में रोजगार की अपूर्व संभावनाओं को देखते हुए इस दिशा में प्रयास किया जा रहा है।
-प्रो.पीके झींगे, प्राचार्य जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज
Updated on:
21 Mar 2024 08:15 pm
Published on:
21 Mar 2024 08:10 pm
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