
Rani Durgavati University
जबलपुर.
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में माइग्रेशन के नाम पर गड़बड़ झाला सामने आया है। जिसमें विश्वविद्यालय के कर्मचारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। माइग्रेशन के नाम पर विश्वविद्यालय आए एक पीड़ित को फोटोकॉपी सेंटर से माइग्रेशन की कॉपी निकाल कर थमा दी गई। जब यह मामला पीड़ित के माध्यम से विश्वविद्यालय के संज्ञान में लाया गया तो हड़कंप मचा। विवि द्वारा माइग्रेशन से जुड़े कर्मचारियों को नोटिस थमाया गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन अब एफआईआर भी दर्ज कराने की तैयारी कर रहा है। इस एंगल से भी जानकारी जुटाई जा रही है कि कहीं निजी कियोस्क संचालक और कर्मचारियों की इसमें कहीं मिलीभगत तो नहीं है।
बताया जाता है बालाघाट निवासी एक छात्र के अभिभावक माइग्रेशन प्रमाण पत्र लेने आए विवि आए थे। इस दौरान दलालों ने उन्हें चंगुल में लेते हुए फोटोकापी सेंटर से प्रिंट करके माइग्रेशन प्रमाण पत्र थमा दिया गया। जबकि माइग्रेशन सर्टिफिकेट विवि के परीक्षा विभाग के द्वारा जारी किया जाता है। ऐसा कहा जा रहा है कि माइग्रेशन सर्टिफिकेट निकालने के लिए संबंधित व्यक्ति द्वारा अधिकारी का पासवर्ड और आईडी का इस्तेमाल किया गया है।
सर्टिफिकेट में हुई शंका
अभिभावक को सर्टिफिकेट को लेकर कुछ शंका हुई। क्योंकि इसमें कोई भी मोहर नहीं लगी थी। उन्होंने रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग से इसकी जानकारी ली। विभाग को माइग्रेशन प्रमाण पत्र दिखाया गया। जो कि न तो किसी अधिकारी से अनुमोदित था न ही उसमें सील साइन का ठप्पा लगा था। किसी भी अधिकृत आईडी से जारी नहीं किया गया था। इस मामले के संज्ञान में आने पर माइग्रेशन कार्य से जुडे़ कर्मचारियों को नोटिस दिया गया है। पता लगाया जा रहा है कि इसका दुरुपयोग कैसे हुआ है।
-इस तरह का मामला संज्ञान में आया है। जिसकी जांच कराई जा रही है। संबंधित डीलिंग क्लर्क को भी नोटिस दिया गया है। यदि कोई दोषी पाया जाता है तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।
-डॉ.दीपेश मिश्रा, कुलसचिव रादुविवि
Published on:
01 Mar 2024 10:39 pm
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