
ganesh chaturthi 2024
ganesh chaturthi in 2024 :गणपति बप्पा का हर अंग अपने आप में एक सीख देने वाला है। स्वभाव से नटखट और चंचल गणेशजी देवों में सबसे ज्यादा बलशाली और बुद्धिमान हैं। गणेश भगवान का अंग ज्ञान की वह पाठशाला है, जो इंसान को जीवन में आगे बढऩे और हमेशा जीतने का संदेश देती हैं। भगवान श्रीगणेश के हर अंग से कोई ने कोई प्रेरणा मिलती है।
बाल्यकाल में भगवान गणेश का परशुरामजी से युद्ध हुआ था। इस युद्ध में परशुराम ने अपने फरसे से गणेशजी का एक दांत तोड़ दिया था। इससे वह एकदंत कहलाने लगे। बाद में गणेशजी ने अपने टूटे हुए दांत को लेखनी बना लिया और इससे पूरा महाभारत ग्रंथ लिख डाला।
गणेशजी की हर पल हिलती-डुलती सूंड़ हमें निरंतर सक्रिय रहने का संदेश देती है। वह हमें यह सिखाती है कि जीवन में हमेशा सक्रिय रहना चाहिए।
गणेशजी के कान बड़े हैं। इसलिए इन्हें गजकर्ण व सूपकर्ण भी कहा जाता है। लबे कान वाले व्यक्ति भाग्यशाली और दीर्घायु होते हैं। गणेशजी के लबे कानों का एक रहस्य यह भी है कि वह सबकी सुनते हैं। बाद में अपनी बुद्धि और विवेक से निर्णय लेते हैं।
भगवान गणेश के पांच अंग बड़ा मस्तक, छोटी आंखें, लबे कान, सूंड और टूटा दांत जीवन में कुशाग्र बुद्धि, चिंतनशील व गंभीर स्वभाव, अच्छी बातों को ग्रहण करने, सदैव सक्रिय रहने और हर वस्तु की उपयोगिता का संदेश देते हैं।
गणपति का बड़ा और चौड़ा माथा नेतृत्व करने का प्रतीक है। अंग विज्ञान के अनुसार अगर किसी इंसान का सिर बड़ा होता है, वो नेतृत्व करने का सक्षम होता है। इससे मष्तिष्क का अधिक उपयोग करने की सीख मिलती है। प्रतिमा की विशेषताओं से जुड़े जानकार कहते हैं कि भगवान श्रीगणेश के बड़े सिर से प्रेरणा लेकर नेतृत्व क्षमता का विकास होता है।
गणपति की आंखें छोटी हैं। अंग विज्ञान के अनुसार छोटी आंखों वाला व्यक्ति चिंतनशील और गंभीर प्रवृत्ति के होते हैं। छोटी आंखों से चिंतनशीलता प्रकट होती है।
Updated on:
06 Sept 2024 01:33 pm
Published on:
06 Sept 2024 12:43 pm
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