
Garba
जबलपुर। म्यूजिक बजने के पहले ही लोगों की थिरकन शुरू हो जाती है। अपनी जगह पर खड़े-खड़े वह टे्रनर की काउंटिंग का इंतजार करते हैं। जैसे की फाइनल काउंटिंग शुरू होती है। उत्साह और उमंग का रेला शुरू हो जाता है। गरबा की प्रैक्टिस का उत्साह पार्टिसिपेंट्स को पूरे घंटे भर एनर्जी से भरपूर रखता है। कदम थक जाते हैं, लेकिन मन की थिरकन कम नहीं होती। जरा देर की थकान मिटाकर दोबारा खुद में दम भरकर ट्रेनिंग सर्कल की ओर बढ़ जाते हैं। इसके बाद फिर से उनकी गरबा की थाप सुनाई देने लगती है। यह नजारा इन दिनों सिविक सेंटर स्थित कच्छी जैन समाज भवन में दिखाई दे रहा है। मंगलवार को पत्रिका प्रजेंट्स पान बहार डांडिया महोत्सव में पार्टिसिपेंट्स का जोशीला अंदाज नजर आया, जहां गरबा के बेसिक स्टेप्स के साथ नए स्टेप्स की जानकारी प्राप्त करके उन्होंने नृत्य किया।
pitru tarpan Śrāddha vidhi घर में ऐसे करें पितरों का तर्पण, भूलकर भी ये फूल न चढ़ाएं, जानें पितृ तर्पण श्राद्ध विधि
मस्ती भरे गुजराती सॉन्ग्स
हंसता हुआ नूरानी चेहरा..., हमें तो लूट लिया मिलके हुस्न वालों ने..., आधा है चंद्रमा, रात आधी..., ढोली तारो ढोल बाजे... जैसे मस्ती भरे गुजराती गीत पार्टिसिपेंट्स में जोश भरने का काम करते हैं। गुजरात से आए ट्रेनर अशोक ने बताया कि दूसरे दिन पार्टिसिपेंट्स को बेसिक के साथ और कुछ नए स्टेप्स भी सिखाए गए हैं। आने वाले दिनों में सुरती और ढोलिड़ा के कई स्टेप्स पार्टिसिपेंट्स को सीखने को मिलेंगे।
पत्रिका गरबा अब शहर की पहचान बन चुका है। इस बार पुराने स्टेप्स के साथ नए स्टेप्स भी सीखने को मिल रहे हैं।
ूर्वा सिंह
पत्रिका गरबा में पिछले तीन सालों से आ रही हूं। हर साल एक्साइटमेंट बढ़ता जा रहा है। इस साल काफी भीड़ है।
- सुष्मिता नायर
कुछ महीनों पहले एक्सीडेंट हो गया था, लेकिन पत्रिका गरबा के लिए खुद को अब पूरी तरह से फिट कर लिया है।
- आदर्श
Updated on:
06 Sept 2017 03:15 pm
Published on:
06 Sept 2017 03:07 pm
बड़ी खबरें
View Allजबलपुर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
