
Bhedaghat marble art
जबलपुर. संस्कारधानी के भेड़ाघाट के मार्बल आर्ट को जीआई टैग मिल चुका है। इससे ना सिर्फ जबलपुर को नई पहचान मिली है, बल्कि स्टोन क्राफ्ट से जुड़े हजारों कलाकारों को इसका फायदा मिलेगा। हस्तशिल्प उत्पाद को नई पहचान दिलाने के लिए हाल ही में केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय द्वारा प्रदेश 6 उत्पादों को जीआई टैग दिया गया है। इसमें संस्कारधानी की संगमरमरी कला से बनने वाले मूर्तियां भी शामिल हैं। जीआई टैग यानी ज्योग्राफिकल इंडिकेशन टैग एक किस्म की लेवलिंग होती है, जिससे किसी भी उत्पाद की भौगोलिक पहचान होती है। इससे मार्बल आर्ट को अंतरराष्ट्रीय स्तर के मार्केट में जगह मिलेगी तो स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के मौके भी बढ़ेंगे।
कई लोगों को मिलेगा रोजगार
वर्तमान में इस कला से जुड़कर शहर में तकरीबन दो हजार लोग काम कर रहे हैं। अभी तक इन कलाकारों को कला का दाम कम मिलता था, लेकिन जीआई टैग मिलने के बाद इनकी मार्केट में कीमत बढ़ जाएगी। इसका फायदा कलाकारों को मिलेगा, साथ ही उन्हें स्टार्टअप फंड भी प्रदान किया जाएगा।
रोजाना छोटी- बड़ी मूर्तियां 01 हजार तैयार होती हैं
मूर्तियां बनाने वाले कारीगर 2 हजार से अधिक
Published on:
20 Apr 2023 03:54 pm
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