आज ऐसा है भाव
शनिवार को सोना फाइन 52200 रुपए एवं ज्वेलरी 51500 रुपए प्रति 10 ग्राम के भाव पर है। वहीं चांदी स्टेंडर्ड 655 रुपए एवं ज्वेलरी 640 रुपए प्रति 10 ग्राम के भाव बिक रही है। ये पिछले कुछ समय के उछाल से नीचे है। जिससे लोग खरीदी का मन बना रहे हैं।
कोरोना के कारण व्यापार थमा था, लेकिन गणेश चतुर्थी से इसमें सुधार शुरू हो गया था। नवरात्र में स्थिति बेहतर थी। अब पुष्य नक्षत्र के दिन इसमें उछाल की उम्मीद व्यापार जगत कर रहा है। हर व्यापारिक प्रतिष्ठान दुल्हन की तरह सजा हुआ है।कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जहां कारोबार आमदिनों की अपेक्षा 40 से 50 फीसदी तक ज्यादा हो सकता है। स्थानीय बाजार में भी इसकी तैयारियां भी कारोबारियों ने कर रखी हैं। नई वस्तुएं आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। ग्राहकों ने भी पूरी जानकारी एकत्रित कर ली है, उसके बाद वे शुभ मुहूर्त पर खरीदी करने बाजार निकलेंगे। ऐसी कई चीजें हैं, जिन्हें इस मुहूर्त पर खरीदना फलदायी है।
लाभकारी होगी वस्तुओं की खरीदी
शनि पुष्य नक्षत्र के मुहूर्त को अद्भुत माना जा रहा है। सबसे ज्यादा लाभ स्वर्ण एवं चांदी के आभूषणों की खरीदी पर मिलेगा। ज्योतिषाचार्य अमित शर्मा के अनुसार खरीदी के लिए यह शुभ मुहूर्त है। हालांकि, शनिवार को लोहे की वस्तुएं, नमक, तेल, चमड़ा, और शीशा खरीदना वर्जित होता है, लेकिन भौतिक या विलासिता के उत्पादों पर लोहा का उतना प्रभाव नहीं पड़ता। ज्योतिषी निर्णय के अनुसार शनि और शुक्र मित्र ग्रह हैं। इनके तात्विक अंतर के आधार पर देखा जाए तो शुक्र भौतिकवादी ग्रह होने के कारण मनुष्य जीवन से जुड़ी भौतिक वस्तुएं इसके अंतर्गत आती हैं। इसमें टीवी, फ्रीज, एसी, वाशिंग मशीन आदि वस्तुएं शामिल हैं। शनि प्रधान वस्तुओं खरीदी निषिद मानी गई है। लेकिन, इसमें भी विलासिता पूर्ण वस्तुएं जैसे कार, स्कूटर, बाइक आदि पर इसका प्रभाव नहीं होगा, इसलिए इन्हें खरीदा जा सकता है।
24 घंटे 42 मिनट तक रहेगा महामुहूर्त का संयोग
दीपावली से पहले इस बार सात और आठ नवम्बर को नक्षत्रों का राजा पुष्य दो दिन चमक बिखेरेगा। पुष्य नक्षत्र में सभी प्रकार की खरीदी शुभ और स्थायी होती है। इसलिए इस दिन सोना, चांदी, आभूषण, वस्त्र, भूमि, भवन, वाहन खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस बार पुष्य नक्षत्र की चमक 24 घंटे 42 मिनट तक रहेगी। सर्वफलदायी पुष्य नक्षत्र सात नवम्बर की सुबह 8.04 बजे से शुरू होकर आठ नवम्बर को सुबह 8.46 बजे तक रहेगा। नक्षत्र की कुल अवधि 24 घंटा 42 मिनट रहेगी। रविवार को सूर्योदय के बाद करीब दो घंटे तक नक्षत्र का विद्यमान रहना शुभफल प्रदान करेगा। इसलिए शनिवार के साथ रविवार को भी पूरे दिन पुष्य नक्षत्र में खरीदारी की जा सकेगी। शनिवार व रविवार को पुष्य नक्षत्र होने से यह शनि पुष्य व रवि पुष्य नक्षत्र कहलाएंगे। पंडित जनार्दन शुक्ला के अनुसार पुष्य नक्षत्र में हर प्रकार की खरीदी स्थायी समृद्धि प्रदान करेगी। खास बात यह है कि पुष्य नक्षत्र की साक्षी में सर्वार्थसिद्धि व रवियोग का संयोग भी रहेगा। शुभकार्य व खरीदी के लिए ऐसे महामुहूर्त का संयोग कम ही बनता है। इस दिन भूमि, भवन, वाहन, इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद, सोना, चांदी, बीमा पॉलिसी की खरीदी अत्यंत शुभ मानी जाती है।