नित नए रेकॉर्ड की ओर, अंतराष्ट्रीय बाजार में भी 2000 डॉलर प्रति औंस के पार
घरेलू वायदा बाजार में चांदी 2011 के बाद फिर 70,000 रुपए प्रति किलो के ऊपर तक उछली और सोना 55,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गया है। डॉलर की कमजोरी से पीली धातु में निखार आई है और वैश्विक बाजार में सोने का भाव 2000 डॉलर प्रति औंस के मनोवैज्ञानिक स्तर को तोडऩे के बाद बुधवार को फिर एक नए रिकॉर्ड पर पहुंच गया। भारत में चांदी का भाव हाजिर एवं वायदा बाजार में 2011 के अप्रैल में 76,000 रुपये प्रति किलो के पार चला गया था। कमोडिटी विशेषज्ञ बताते हैं कि कोरोना काल में महंगी धातुओं में बढ़ी निवेश मांग से सोना भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में लगातार नए शिखर को छू रहा है और चांदी में भी जबरदस्त तेजी देखी जा रही है।
क्या कहते हैं कमोडिटी के जानकार
एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता ने कहा कि सोने और चांदी में फंडामेंटल्स मजबूत है और तेजी का रुख आगे भी बना रह सकता है। केडिया एडवायजरी के डायरेक्टर अजय केडिया ने कहा कि चांदी में निवेश मांग जबरदस्त है, क्योंकि यह एक औद्योगिक धातु है और मौजूदा दौर में जैसे-जैसे औद्योगिक गतिविधियां बढ़ेगी चांदी की मांग तेज होगी। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन के नेशनल सेकेट्ररी सुरेंद्र मेहता बताया कि हाजिर में बीते सत्र में चांदी का भाव 69,999 रुपये प्रति किलो तक उछला था और आगे अंतर्राष्ट्रीय व घरेलू वायदा बाजार में जारी तेजी को देखते हुए आगे चांदी में और उछाल आ सकता है।